अंबुजा सीमेंट्स की खरीद के लिए, उठाए गए लोन को रीफाइनैंसिंग के लिए अदाणी ग्रुप को बैंकों से बड़ी राहत हासिल हो सकती है। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बैंकों के समूह को इस लोन के लिए जरूरी इंटरनल अप्रूवल हासिल हो गया है। बैंकों का समूह 3.5 अरब डॉलर के कर्ज की रीफाइनेंस करने पर विचार कर रहा है।
इस डील की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ये तीन बैंक बार्कलेज पीएलसी, डॉयचे बैंक एजी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी हैं।
वे अरबपति गौतम अदाणी के ग्रुप की कंपनियों को सिंडिकेटेड लोन के लिए बातचीत करने वाली कंपनियों के एक बड़े समूह का हिस्सा हैं। ब्लूमबर्ग ने मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए पिछले महीने एक रिपोर्ट दी थी कि कुछ संस्थान अकेले-अकेले 40 करोड़ डॉलर का लोन देने के लिए चर्चा कर रहे थे। अगर यह डील फाइनल होती है तो यह इस साल एशिया में सबसे बड़े ऋण सौदों में से एक बन सकता है।
हालांकि बैंकों के उस समूह के स्टेटस पर कोई नई जानकारी नहीं दी गई।
संभावित डील इस बात का सबूत देती है कि अदाणी ग्रुप इस साल की शुरुआत में अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों पर से बाहर निकल रहा है।
हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों को अदाणी ग्रुप ने बार-बार खारिज किया है। हालांकि इन आरोपों के कारण ग्रुप को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। ब्लूमबर्ग ने फरवरी में रिपोर्ट दी थी कि कुछ बैंकों के विरोध के कारण लोन की रिफाइनैंसिंग पर वैश्विक बैंकों के साथ बातचीत रुक गई थी।
मंगलवार को ब्लूमबर्ग द्वारा संपर्क किए जाने पर बार्कलेज, डॉयचे और स्टैंडर्ड चार्टर्ड के प्रवक्ताओं ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अदाणी ग्रुप के एक प्रतिनिधि ने भी तत्काल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
अदाणी ने 2022 में स्विट्जरलैंड की होलसिम लिमिटेड की भारत की संपत्ति खरीदी, क्योंकि समूह बंदरगाहों का ऑपरेशन, बिजली प्लांटों और कोयला खदानों के अपने मुख्य व्यवसाय से आगे बढ़कर डेटा सेंटर, हवाई अड्डों, डिजिटल सेवाओं, रिटेल और मीडिया जैसे क्षेत्रों में अपने कदम जमाना चाहता है।
अभी तक डील को अंतिम रूप नहीं दिया गया है और शर्तें अभी भी बदल सकती हैं।