गौतम अदाणी प्रवर्तित अदाणी समूह का अमेरिकी कंपनियों और वहां के बाजार तक निवेश फैला हुआ है। इनमें सौर मॉड्यूल के मौजूदा निर्यात, पवन टरबाइनों की संभावित बिक्री और अमेरिकी मुख्यालय वाले गूगल के भारत परिचालन के साथ बिजली आपूर्ति अनुबंध शामिल हैं।
13 नवंबर को अमेरिकी चुनाव परिणामों के बाद अदाणी ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को बधाई दी और एक्स पर कहाः अदाणी समूह अपनी वैश्विक विशेषज्ञता का लाभ देने और अमेरिकी ऊर्जा सुरक्षा और मजबूत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में 10 अरब डॉलर का निवेश करने को प्रतिबद्ध है। उसका लक्ष्य अमेरिका में 15,000 नौकरियां सृजित करना है।
अक्टूबर में अदाणी एंटरप्राइजेज (एईएल) ने कहा था कि उसके सौर मॉड्यूल की बिक्री पहले छह महीनों के दौरान 2 गीगावाट (जीडब्ल्यू) को पार कर गई और इसके निर्यात में सालाना आधार पर 64 फीसदी की वृद्धि हुई। 2 गीगावॉट में से 1.29 गीगावॉट को निर्यात बाज़ारों में बेचा गया। भारत से सौर मॉड्यूल निर्यात करने वालों के लिए अमेरिका एक प्रमुख बाजार है।
एईएल ने यह नहीं बताया कि किन इलाकों में उसका निर्यात होता है। इसके अलावा अपनी वित्त वर्ष 24 की सालाना रिपोर्ट में एईएल ने कहा कि अदाणी सोलर ने अमेरिका की प्रमुख यूटिलिटी कंपनियों में से एक से 1.6 गीगावॉट का एक साल का अपना सबसे बड़ा ऑर्डर हासिल किया है।
सौर ऊर्जा के अलावा एईएल अमेरिकी पवन टरबाइन उद्योग का लाभ उठाने की भी योजना बना रही है। उसी वार्षिक रिपोर्ट में एईएल ने कहा कि उसकी 5.2 मेगावॉट टरबाइन के साथ प्रतिस्पर्धी लाभ जुड़ा हुआ है जो उसे बाजार में पसंदीदा विकल्प बनाती है।
इसके अलावा कंपनी के पवन टरबाइन समाधानों की पहुंच का विस्तार करने के लिए ( विशेष रूप से अमेरिका और अन्य वैश्विक क्षेत्रों में) अंतरराष्ट्रीय बाजार तलाशने के उद्देश्य से रणनीतिक पहल की गई है। कंपनी की योजना 1.5 गीगावॉट एकीकृत पवन विनिर्माण क्षमता की है। अक्टूबर में अदाणी समूह ने गूगल के कुछ भारतीय परिचालनों के लिए गुजरात में अपनी सौर-पवन हाइब्रिड परियोजना से स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति के लिए गूगल के साथ सहयोग की घोषणा की थी।