facebookmetapixel
Yearender 2025: टैरिफ और वैश्विक दबाव के बीच भारत ने दिखाई ताकतक्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए जरूरी अपडेट! नए साल से होंगे कई बड़े बदलाव लागू, जानें डीटेल्सAadhaar यूजर्स के लिए सुरक्षा अपडेट! मिनटों में लगाएं बायोमेट्रिक लॉक और बचाएं पहचानFDI में नई छलांग की तैयारी, 2026 में टूट सकता है रिकॉर्ड!न्यू ईयर ईव पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर संकट, डिलिवरी कर्मी हड़ताल परमहत्त्वपूर्ण खनिजों पर चीन का प्रभुत्व बना हुआ: WEF रिपोर्टCorona के बाद नया खतरा! Air Pollution से फेफड़े हो रहे बर्बाद, बढ़ रहा सांस का संकटअगले 2 साल में जीवन बीमा उद्योग की वृद्धि 8-11% रहने की संभावनाबैंकिंग सेक्टर में नकदी की कमी, ऋण और जमा में अंतर बढ़ापीएनबी ने दर्ज की 2,000 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआई को दी जानकारी

अदाणी संकट से निवेशक धारणा प्रभावित हुई है

बजट प्रस्तावों और Adani Group के घटनाक्रम के बीच भारतीय बाजारों के लिए पिछला पखवाड़ा उतारचढ़ाव वाला रहा। शेयरखान बाई बीएनपी पारिबा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूंजी बाजार रणनीति प्रमुख गौरव दुआ ने पुनीत वाधवा के साथ बातचीत में कहा कि वै​श्विक इ​क्विटी बाजारों में अमेरिका में उधारी दरों में बदलाव और कैलेंडर वर्ष 2023 के अंत तक दर कटौती के संभावित चक्र का असर दिख चुका है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:

Last Updated- February 07, 2023 | 11:38 PM IST

बजट और अमेरिकी फेड की बैठक के बाद अब क्या कोई अन्य ऐसे कारक दिख रहे हैं जिनसे अल्पाव​धि-मध्याव​धि में बाजार को मजबूती मिलेगी?

बजट में आगामी चुनावों से पूर्व लोकलुभावन उपायों के बजाय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा सरकारी की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया। वै​श्विक मोर्चे पर, फेड और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदम अनुकूल साबित हुए हैं। हालांकि अदाणी समूह के शेयरों में उतार-चढ़ाव से बाजार प्रभावित हुआ और इन अनुकूल बदलावों का असर गायब हो गया। इस सप्ताह मौद्रिक नीतिगत बैठक और अक्टूबर-दिसंबर 2022-213 के कुछ महत्वपूर्ण वित्तीय नतीजों से बाजार की अल्पाव​धि दिशा तय हो सकती है।

मौजूदा स्तरों पर ऐसे कौन से प्रमुख जो​खिम हैं जिन्हें बाजार नजरअंदाज कर रहा है?

बाजार गिरकर उचित स्तरों पर आ गए हैं। हालांकि घरेलू इ​क्विटी बाजार विदेशी निवेशक चीन की जीरो-कोविड नीति और अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले मूल्यांकन अंतर को ध्यान में रखकर अपने निवेश आवंटन पर ध्यान दे रहे हैं। निवेश आवंटन सं​बं​धित यह समायोजन लंबे समय तक बना रह सकता है। लगता है कि अमेरिका में उधारी दरों में नरमी और कैलेंडर वर्ष 2023 के अंत तक या कैलेंडर वर्ष 2024 के शुरू में दर कटौती चक्र की संभावना का असर
वै​श्विक इ​क्विटी बाजारों में दिखा है। यदि मुद्रास्फीतिकारी दबाव अपे​​क्षित तौर पर कम नहीं हुआ तो चिंता पैदा हो सकती है।

क्या निवेशक अदाणी समूह घटनाक्रम को लेकर परेशान हैं?

अदाणी समूह पर शॉर्ट-सेलर रिपोर्ट का प्रभाव और उसके बाद इस समूह की कंपनियों में आई भारी शेयर गिरावट से निवेशकों का भरोसा डगमगाया है। हालांकि संपूर्ण धारणा मिश्रित है। कुछ निवेशक इस उतार-चढ़ाव का इस्तेमाल अपने निवेश में अच्छे शेयर जोड़ने के लिए कर रहे हैं। वहीं कुछ छोटे निवेशक बाजार से निकल रहे हैं। हमें इससे निवेशक धारणा में ज्यादा नकारात्मक बदलाव आने की आशंका नहीं दिख रही है।

क्या अदाणी समूह संकट से बैंक सुर​​क्षित हैं?

कई बैंकों ने अदाणी समूह के लिए अपने कर्ज का खुलासा किया है। कुछ बैंकिंग शेयरों में गिरावट हद से ज्यादा दिख रही है। हम मजबूत ऋण वृद्धि के रुझानों और परिसंप​त्ति गुणवत्ता से जुड़ी समस्याएं दूर होने की वजह से बैंकिंग क्षेत्र पर सकारात्मक बने हुए हैं। मौजूदा अस्थिरता मददगार साबित हो सकती है।

क्या एक साल के नजरिये से डेट/बॉन्डों में निवेश आवंटन अच्छा है?

ब्याज दर चक्र के मौजूदा परिवेश में, डायनेमिक बॉन्ड फंडों में निवेश करना और ड्यूरेशन फंडों पर सतर्कता के साथ दांव बढ़ाना उपयुक्त है। प्रतिफल पहले ही उचित स्तरों पर हैं, और अगले 12-15 महीनों में ब्याज दरों में नरमी से निवेशकों को राहत मिल सकती है। हालांकि रिटेल सेगमेंट में बड़ा जो​खिम यह है कि कुछ निवेश बैंक जमाओं में जा सकता है, क्योंकि पिछले साल में जमा दरें 200-250 आधार अंक तक बढ़ी हैं।

वित्त वर्ष 2024 के लिए आपने क्या आय अनुमान जताए हैं?

वै​श्विक मंदी के परिवेश के बावजूद निफ्टी-50 की आय वित्त वर्ष 2024 में 13-14 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। ज्यादातर तेजी बैंकों और वित्त तथा निर्माण कंपनियों के मार्जिन में सुधार पर आधारित होगी। हालांकि अभी ठोस अनुमानों का इंतजार करने की जरूरत होगी, लेकिन हमें मौजूदा समय में निफ्टी की आय को लेकर अनुमानों में बड़ी कमजोरी की आशंका नहीं दिख रही है।

First Published - February 7, 2023 | 11:21 PM IST

संबंधित पोस्ट