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पैनी नजर से दूरदर्शी निवेशक ने पाया बड़ा मुकाम

Last Updated- December 11, 2022 | 4:37 PM IST

राकेश झुनझुनवाला (1960-2022)

शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक और ‘भारत के वारेन बफेट’ कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला ने दूरदर्शी निवेशक के तौर पर अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। चार्टर्ड अकाउंटेंट रहे झुनझुनवाला ने कंपनियों के खातों का ऑडिट करने के बजाय शेयर बाजार की राह चुनना ही मुनासिब समझा। झुनझुनवाला ने जिस समय शेयर बाजारों में निवेश करना शुरू किया उस समय सेंसेक्स 150 अंक पर था। फोर्ब्स की 2021 की सूची के अनुसार, वह भारत के 36वें सबसे अमीर व्यक्ति थे
पिछले सात साल में घोषित पोर्टफोलियो का मूल्य हुआ चौगुना
राकेश झुनझुनवाला निवेश से जुड़ी राय देने में हमेशा सावधानी बरतते थे, भले ही लोग उनके पीछे राय लेने के लिए पड़े रहते थे। लेकिन एक बार एक महिला ने उनसे निवेश सुझाव लेने के लिए संपर्क किया तो वह उनको मना नहीं कर सके। उन्होंने एक शेयर का सुझाव दिया जिसकी उन्हें दो या तीन वर्षों में दोगुनी होने की उम्मीद थी। वह महिला निराश थी और यह उनके चेहरे से भी साफ झलक रहा था और उन्होंने हैरानी से पूछा, ‘बस दोगुना?’
हालांकि कुछ लोगों के लिए लंबी अवधि की चक्रवृद्धि रफ्तार भले ही उत्साहजनक न लगे लेकिन झुनझुनवाला की दौलत में वृद्धि पर इसके प्रभाव को हर गुजरते साल के साथ स्पष्टतौर पर देखा जा सकता है। राकेश झुनझुनवाला के घोषित पोर्टफोलियो के 75 प्रतिशत से अधिक के मूल्य का अंदाजा पिछले सात वर्षों में मिला है।
मार्च 2015 में उनके 7,319 करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो का खुलासा हुआ था। मार्च 2022 तक यह बढ़कर 32,338 करोड़ रुपये हो गया। बाद में बाजार में उतार-चढ़ाव के असर से यह आंकड़ा 30,652 करोड़ रुपये हो गया है। वर्ष 2015 के बाद से उनकी नई उपलब्ध पोर्टफोलियो होल्डिंग्स में 76 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कंपनियों के लिए 1 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले निवेशकों के नामों का खुलासा करना जरूरी होता है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने 15 अलग-अलग नामों और उनके संयोजनों को शामिल करने वाले खुलासे का इस्तेमाल कर शेयरों में उनकी हिस्सेदारी की गणना की। इसमें वैसी निजी संपत्तियां शामिल नहीं हैं जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं हैं, नहीं तो इसका ब्योरा देने की जरूरत पड़ती। अगर इन्हें भी शामिल कर लिया जाए तब कुल राशि अधिक होगी। फोर्ब्स, की अरबपतियों की सूची में भी निजी होल्डिंग्स पर भी विचार किया जाता है और 80 रुपये प्रति डॉलर की विनिमय दर पर उनकी कुल संपत्ति 5.8 अरब डॉलर या 46,000 करोड़ रुपये तक है।
कोविड -19 महामारी के बाद से शेयर बाजार में उछाल के चलते उनके पोर्टफोलियो के शेयरों के मूल्य में काफी वृद्धि हुई है। हालांकि जब वह 55 साल के हुए तब से उनका मुनाफा अधिक होता रहा और पिछले दो वर्षों में उनका लाभ अधिकतम था। स्टार हेल्थ ऐंड एलायड इंश्योरेंस कंपनी जैसी निजी कंपनियों की सूचीबद्धता से उनकी कुल संपत्ति में बड़ा इजाफा हुआ जिसके वे प्रमुख प्रवर्तक हैं।
टाइटन में उनके शेयरों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है और इसका मूल्य 11,000 करोड़ रुपये से अधिक है। अन्य कंपनियों के शेयरों में चेन्नई की कंपनी स्टार हेल्थ ऐंड एलायड इंश्योरेंस (7,014 करोड़ रुपये), फुटवियर कंपनी मेट्रो ब्रांड्स (2,232 करोड़ रुपये), टाटा मोटर्स और टाटा मोटर्स डीवीआर (1,857 करोड़ या  2,205 करोड़ रुपये) तथा रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (1,306) शामिल है। उनकी घोषित संपत्ति में से तीन-चौथाई में शीर्ष पांच कंपनियों के शेयरों की हिस्सेदारी है। सेक्टर के हिसाब से विश्लेषण से अंदाजा मिलता है कि कई वर्षों के दौरान उन्होंने व्यापक पोजिशन ली है। टाइटन में बड़े निवेश की वजह से कुल निवेश में उपभोक्ता वस्तुओं की थीम का दबदबा दिखता है। दिसंबर 2021 में स्टार हेल्थ की सूचीबद्धता के बाद पिछली दो तिमाहियों के दौरान बीमा क्षेत्र के प्रमुख दांव के रूप में उभरा है। ताजा घोषणा के मुताबिक निर्माण कंपनियों की हिस्सेदारी मार्च 2022 के 1.6 फीसदी से बढ़कर 1.8 फीसदी हो गई है।

First Published - August 15, 2022 | 1:17 AM IST

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