बीएस बातचीत
बागडोर संभालने के तीन साल बाद फोक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के निदेशक स्टीफन नैप ने पवन लाल के साथ बातचीत में कहा कि उन्होंने दो एसयूवी वाहन पेश किए हैं, तथा अगले वर्ष दो और पेश करने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि मूल कंपनी वाहन क्षेत्र में मंदी के बावजूद अपनी योजनाओं को लेकर प्रतिबद्घ बनी हुई है। पेश है उनसे बातचीत के मुख्य अंश:
क्या आप भारत के लिए अपनी 2.0 रणनीति में बदलाव ला रहे हैं?
हम इंडिया 2.0 पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है। मुख्यालय से स्पष्ट संदेश है कि हम कोविड-19 से प्रभावित हुए और हमने पहली बार करीब एक अरब यूरो का नुकसान दर्ज किया और निवेश योजनाओं पर पुनर्विचार किया है, लेकिन भारत के संदर्भ में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो हमारे लिए अच्छी खबर है।
जुलाई में बिक्री 25 प्रतिशत तक कम रहहने से 2021 में कितनी चुनौती होगी?
हम जानते हैं कि 2020 एक महत्वपूर्ण वर्ष था क्योंकि हमने एमियो को हटाया, जिसका बिक्री में 10,000 कारों का योगदान था। थोक बिक्री प्रभावित हुई थी, लेकिन जुलाई में खुदरा बिक्री में सुधार आया और हमने अपनी सभी बीएस-4 कारों की बिक्री की। 2021 हमारे लिए चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि यह हमारे सभी अनुभवों को परखेगा। हम टैगन को पेश करेंगे जो प्रतिस्पर्धी कीमत वाली होगी और यह हमारे लए एक बड़ी पेशकश हागी। हम करीब 95 प्रतिशत के साथ स्थानीयकरण पर जोर देंगे। हमारा मानना है कि हमारा प्रति वर्ष 3 प्रतिशत या 120,000 कारों का लक्ष्य 2025 क हासिल हो जाएगा।
किया जैसी नई कंपनियों ने महज 11 महीने में 100,000 कारों की बिक्री का रिकॉर्ड बनाया है। इसका आप पर क्या प्रभाव पड़ा है?
हमारे प्रतिस्पर्धियों की सफलता ने हमें यह भरोसा करने में सक्षम बनाया है कि मौजूदा समय में खरीदार मौजूद हैं, और भारत नवाचार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यदि आप जीप कम्पास देखते हैं तो यह रॉकेट की तरह उड़ती है और पत्थर की तरह गिरती है और यह ठीक वैसा है जैसा हम नहीं चाहते।
आपने दो एसयूवी पेश किए हैं – टिगॉन और टी-रॉक, और टैगन को अगले साल पेश किए जाने की संभावना है। चौथे मॉडल के बारे में क्या योजना है और क्या पसाट की वापसी की भी कोई योजना है?
हमने हाल में पेश टी-रॉक की अच्छी बिक्री की है। अगले साल टैगन होगी और चौथी पेशकश एक आश्चर्य है जिसका खुलासा बाद में किया जाएगा। दिलचस्पी यह है कि दुनियाभर में हमारे द्वारा बेची जाने वाली 60 प्रतिशत कारें एसयूवी हैं। हम हमेशा से महत्वपूर्ण वाहनों पर ध्यान दे रहे हैं और इसलिए पसाट को भारत लाए जाने की संभावना है।
फोक्सवैगन की बड़ी चुनौती क्या है?
बाजार का अनुमान लगाने की दक्षता सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और उसके बाद नीति जरूरी है। अनिश्चित व्यावसायिक परिवेश ने इसकी योजना चुनौतीपूर्ण बना दी है। कर में कमी और राजनीतिक स्थायित्व के साथ मेरा मानना है कि स्थिति काफी बेहतर हो गई है। मारा मानना है कि भारत अगले दशक तक 50 लाख कारों के आंकड़े तक आसान से पहुंच सकता है।