एशिया प्रशांत की 50 अग्रणी फर्मों ने कैलेंडर वर्ष 2023 की सितंबर तिमाही में संचयी तौर पर बाजार पूंजीकरण में 185 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की है। लंदन की एनालिटिक्स व कंसल्टिंग कंपनी ग्लोबलडेटा की हालिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तिमाही आधार पर बाजार पूंजीकरण में तीव्र गिरावट की वजह चीन की अर्थव्यवस्था की कमजोरी और अनिश्चित वैश्विक आर्थिक हालात के कारण क्षेत्र से निर्यात का सिकुड़ना है।
ग्लोबलडेटा के विश्लेषक (बिजनेस फंडामेंटल्स) एम ग्रैंडी ने कहा, तिमाही के दौरान 50 अग्रणी कंपनियों में से 27 ने अपने-अपने बाजार पूंजीकरण में तिमाही आधार पर गिरावट दर्ज की और यह 4 लाख करोड़ डॉलर से 3.7 लाख करोड़ डॉलर रही।
चीन के हालात, सुस्त देसी प्रॉपर्टी मार्केट और बाहरी मांग में कमजोरी का देसी परिवारों व कारोबारी भरोसे पर नकारात्मक असर पड़ा। एशिया प्रशांत क्षेत्र पर कमजोर वैश्विक मांग, महंगी फंडिंग, स्थिर या अनियंत्रित महंगाई और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ निकट भविष्य में बना रह सकता है।
इस सूची में वित्तीय सेवा व तकनीकी क्षेत्र की कंपनियां सबसे ऊपर रही। 50 अग्रणी कंपनियों में 16 वित्तीय सेवा क्षेत्र की रही, वहीं 13 तकनीकी क्षेत्र की। भौगोलिक लिहाज से 23 कंपनियां चीन की है, जापान की 10 और भारत की नौ।
उधर, HDFC बैंक और एक और फर्म ने तिमाही आधार पर 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की, वहीं एआईए समूह व किएंस कॉर्प ने अपने-अपने बाजार पूंजीकरण में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की।
HDFC बैंक का एमकैप 20.3 फीसदी चढ़कर 139.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जिसे कुल उधारी में 15.7 फीसदी की बढ़त और जमाओं में 19.2 फीसदी के इजाफे से सहारा मिला। ग्लोबलडेटा की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्साहजनक प्रदर्शन को सभी सेगमेंट में सकारात्मक नतीजों से सहारा मिला यानी विशाखित शुल्क आय और परिसंपत्ति की मजबूत गुणवत्ता।
भारतीय कंपनियों रिलायंस इंडस्ट्रीज (8 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (7.9 फीसदी) और आईटीसी (1.3 फीसदी) ने अपने-अपने एमकैप में तिमाही के दौरान गिरावट दर्ज की। दूसरी ओर, टीसीएस, इन्फोसिस, भारती एयरटेल, एसबीआई और ICICI बैंक ने सितंबर तिमाही में अपने-अपने मार्केट कैप में बढ़ोतरी दर्ज की।
इन्फोसिस व टीसीएस के लिए तिमाही नतीजे अहम उत्प्रेरक साबित हुए, जिसने इन शेयरों को निवेशकों के रेडार पर वापस ला दिया। हालांकि उनके शेयरों में उतारचढ़ाव जारी है, जिसकी वजह वृद्धि का घटता अनुमान है।
दूसरी ओर, आरआईएल ने एमकैप में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज की, जिसकी वजह जियो फाइनैंशियल के अलग होने के बाद शेयरों में हो रहा एकीकरण है। ग्लोबलडेटा की रिपोर्ट में ये बातें कही गई है।
इस बीच, हिंदुस्तान यूनिलीवर ने वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही के नतीजे के बाद अपने शेयर की कीमतों में नीचे के रुख का सामना किया क्योंकि नतीजे बाजार की उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे। साथ ही बढ़ती महंगाई से उपभोक्ताओं की तरफ से होने वाले खर्च का भी प्रभाव पड़ा।