भारतीय फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर क्षेत्र में कैलेंडर वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के दौरान गतिविधियों में इजाफा दर्ज किया गया। ग्रांट थॉर्नटन भारत की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तिमाही में इस क्षेत्र में 4.1 अरब डॉलर के 55 सौदे हुए। यह पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले सौदों के मूल्य में 57 प्रतिशत और पिछली तिमाही से 8 गुना वृद्धि है।
सौदों का औसत आकार भी बढ़ा है। सौदे का आकार कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली तिमाही के 97 लाख डॉलर से बढ़कर दूसरी तिमाही में 7.4 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। इसमें ऊंची वैल्यू के सौदों में आई तेजी का अहम योगदान रहा। 11 सौदे 3.4 अरब डॉलर से ज्यादा के रहे, जबकि पूर्ववर्ती तिमाही में इतना बड़ा महज एक सौदा हुआ था।
2024 की दूसरी तिमाही में विलय एवं अधिग्रहण (एमऐंडए) गतिविधियां मूल्य के लिहाज से 3.8 गुना बढ़कर 1.4 अरब डॉलर पर पहुंच गईं जबकि सौदों की मात्रा 29 प्रतिशत तक बढ़ी। डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने 63.3 करोड़ डॉलर में नॉर्थस्टार स्विट्जरलैंड एसएआरएल का अधिग्रहण किया जो सबसे बड़ा विलय-अधिग्रहण सौदा था। इसने इस क्षेत्र की बढ़ती वैश्विक पहुंच को उजागर किया।
हेल्थटेक और चिकित्सा उपकरण सेगमेंट में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी और सौदों की संपूर्ण वैल्यू में इनका अहम योगदान रहा। केकेआर एशियन फंड-4 ने हेल्थियम मेडटेक का अधिग्रहण किया जिसका मूल्य 84.3 करोड़ डॉलर था। यह तिमाही का सबसे बड़ा सौदा रहा। सौदों की मात्रा में भी वृद्धि दर्ज की गई। जहां 2023 की दूसरी तिमाही में 37 सौदे हुए वहीं 2024 की दूसरी तिमाही में यह संख्या बढ़कर 55 हो गई।
सौदों की संख्या के मामले में हेल्थटेक सेगमेंट शीर्ष पर रहा और उसकी 33 प्रतिशत भागीदारी रही। फार्मा और बायोटेक सेगमेंट का सौदों की कीमत के लिहाज से दबदबा रहा। चिकित्सा उपकरण सेगमेंट ने पिछली तिमाही से सौदों के मूल्य में 87 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की।
तिमाही में आईपीओ और क्यूआईपी बाजार में भी गतिविधियों में तेजी दर्ज की गईं। इंडिजीन ने 22.2 करोड़ डॉलर जुटाकर आईपीओ में अग्रणी भूमिका निभाई। शिल्पा मेडिकेयर और एमी ऑर्गेनिक्स ने 10.8 करोड़ डॉलर का क्यूआईपी आवंटन हासिल किया जिससे हेल्थकेयर कंपनियों के लिए मजबूत पूंजी बाजार माहौल का संकेत मिलता है।