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वायदा बाजार में चीनी की मिठास हुई थोड़ी फीकी

Last Updated- December 07, 2022 | 12:44 AM IST

मिलों की ओर से बिक्री के बढ़ते दबाव और फीकी मांग के चलते वायदा बाजार में चीनी की कीमत में मंगलवार को थोड़ी गिरावट हुई।


एक विश्लेषक ने बताया कि बिक्री के आवंटित कोटे को पूरा करने के लिए चीनी मिलों की ओर से पड़ते दबाव और सुस्त मांग के चलते इसकी वायदा कीमत में कमी आयी है। देश के सबसे बड़े कृषि जिंस एक्सचेंज एनएसडीईएक्स में एम 200 ग्रेड की चीनी के लगभग सभी 6 ठेकों में 0.30 से 0.90 फीसदी की कमी हुई।

मई में डिलीवर होने वाले सौदे में 0.45 फीसदी की कमी हुई और यह 1,341 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचा है। वहीं जून ठेके में भी 0.49 फीसदी की कमी हुई और यह 1,379 रुपये प्रति क्विंटल जबकि सितंबर का ठेका 1,552 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचा है। इसमें 0.90 फीसदी की कमी आयी है। कमी का यह रुझान केवल इसी ग्रेड में नहीं है बल्कि एस 150 ग्रेड की चीनी के भी सभी 6 सौदों में मंदी का दौर चल रहा है।

मई में डिलीवर होने वाले सौदे में 2.09 फीसदी की कमी हुई है और यह 1,379 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचा है। अप्रैल से जून की तिमाही के लिए सरकार ने 44 लाख टन की बगैर लेवी की चीनी जारी की है। इसके अलावे, अपने बफर स्टॉक से 20 लाख टन चीनी घरेलू बाजार में बेचने की इजाजत भी चीनी मिलों को सरकार ने दी है।

मई से शुरू होने वाले सीजन 2007-08 के दौरान मिलों को ये 20 लाख टन चीनी बेचनी है। मालूम हो कि, चीनी उद्योग को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने 2006-07 सीजन से 50 लाख टन का बफर स्टॉक बनाया था। परिणामस्वरूप, चीनी मिलों पर चीनी को बेचने का दबाव बढ़ गया है। हालांकि, एमसीएक्स में मई ठेके के लिए चीनी का कारोबार 2.46 फीसदी मजबूत होकर 1,500 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचा है। देश में चीनी की कुल खपत बढ़कर 2 करोड़ टन सालाना हो गयी है।

First Published - May 20, 2008 | 11:22 PM IST

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