भगवान श्रीराम की आस्था के सागर में पूरा देश सराबोर हो चुका है। आस्था के भवसागर में सर्राफा बाजार डूब चुका है। सर्राफा बाजार में जाने वाला लगभग हर ग्राहक आस्था के श्रीराम को किसी न किसी रुप में अपने घर लाना चाह रहा है जिसके कारण कारोबारियों में चेहरे में जय श्रीराम की उमंग देखते ही बनती है।
सर्राफा बाजार में सबसे ज्यादा चांदी के सिक्कों की मांग है इन सिक्कों में एक तरफ राम दरबार तो दूसरी ओर श्रीराम मंदिर का मॉडल बना हुआ है। चांदी के श्रीराम मंदिर, मूर्तियां, श्रीराम के नाम के पैंडल की खूब मांग है। बाजार में चांदी के मंदिरों की मांग इस कदर बढ़ी कि बड़े शोरुमों में मंदिर मॉडल मिलना मुश्किल हो गया है।
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह देश के हर कोने में देखने को मिल रहा है। लोगों के उत्साह ने सराफा बाजार में उमंग ला दी है। जैसे-जैसे प्राण प्रतिष्ठा की तिथि नजदीक आती जा रही है, वैसे में सर्राफा बाजार में भी श्रीराम आकृति से जुड़े आभूषण खरीदने के लिए खरीदारों की संख्या बढ़ रही है।
हर कोई कुछ न कुछ राम के नाम पर खरीदना चाह रहा है। देश की सबसे बड़ा सर्राफा मंडी मुंबई के सर्राफा कारोबारियों की मानी जाए तो पिछले एक महीने से दुकान में आने वाला लगभग हर ग्राहक राम नाम का कोई न कोई आभूषण जरुर खरीद रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा चांदी के सिक्कों की मांग है।
मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के कुमार जैन कहते हैं कि अयोध्या में श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में उत्साह है। दुकान में आने वाला लगभग हर ग्राहक चांदी का सिक्का लेकर जा रहे हैं। इन चांदी के सिक्कों में एक तरफ राम दरबार तो दूसरी तरफ अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर का मॉडल बना हुआ है।
जैन का कहना है दरअसल दूसरे आभूषणों की अपेक्षा ये सिक्के सस्ते हैं जिससे लोग सिक्के जरुर खरीद रहे हैं। लोग इस समय उपहार में देने के लिए सिक्कों की खरीद कर रहे हैं। राम दरबार और मंदिर मॉडल से सजा चांदी का 10 ग्राम का सिक्का 750 रुपये का मिल रहा है। इसके अलावा पांच ग्राम और 20 ग्राम के सिक्के भी तैयार किये गए हैं।
बाजार में चांदी से बने श्री राम मंदिर की मांग खूब है। इसकी तैयारी कारोबारियों ने भी की थी लेकिन उम्मीद से ज्यादा मांग होने के कारण इस समय बाजार में चांदी का राम मंदिर का मॉडल मिलना मुश्किल हो गया है।
चांदी के आभूषणों के सबसे बड़े विक्रेता एवं निर्माता सिल्वर इंपोरियल के प्रबंध निदेशक राहुल मेहता कहते हैं, ‘लोगों में उत्साह बहुत ज्यादा है कॉरपोरेट कंपनियां एवं सामाजिक संस्थाओं की इस समय पहली मांग राम मंदिर का मॉडल और रामदरबार है। दरअसल इस समय उपहार में देने के लिए ये लोगों की यह पहली पसंद बन चुकी है। हमने राम मंदिर का मॉडल 700 ग्राम में तैयार किया जबकि दरबार वाली मूर्तियां 200 ग्राम से 5 किलोग्राम तक में तैयार किया था। लेकिन उम्मीद से ज्यादा मांग होने के कारण हमारे सभी मॉडल और मूर्तियां बिक गई।’
संगम ज्वैल के प्रबंध निदेशक रमन सोलंकी कहते हैं कि अचानक राम मंदिर के सोने-चांदी के मॉडलों की बिक्री बढ़ गई है। लोग अपनी पंसद और वजन के हिसाब से राम मंदिर का मॉडल और मूर्तियां चाहते हैं जिनके लिए पहले से ऑर्डर देना पड़ता है जिन लोगों ने ऑर्डर दिया है उन्हे समय पर माल देना ही पड़ेगा इसीलिए इस समय जो लोग खरीदारी करने आ रहे हैं उन्हे उनकी पसंद का माल मिलना मुश्किल हो रहा है।
सर्राफा कारोबारियों की मानी जाए तो जिन लोगों के पास माल है भी वह भी अगले दो-चार दिन में खत्म हो जाएगा। ज्वैलर्स बहुत ज्यादा स्टॉक नहीं तैयार कर रहे हैं क्योंकि 22 तारीख के बाद मांग में कमी आ सकती है। लेकिन सिक्के, श्रीराम ध्वजा, श्रीराम अंगवस्त्र सहित श्रीराम के चित्र वाली माला, लॉकेट की मांग आगे भी बनी रहने वाली है क्योंकि ये हर व्यक्ति की पहुंच में है।