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खिले गन्ना किसानों के चेहरे

Last Updated- December 08, 2022 | 12:46 AM IST

उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2008-09 पेराई सत्र के लिए गन्ने की कीमत में रिकॉर्ड 15 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की घोषणा की गई।


इस घोषणा के साथ ही सामान्य किस्म के गन्ने की कीमत बढ़कर प्रति क्विंटल 140 रुपये, जबकि आगामी किस्म के गन्ने की कीमत 145 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। पिछले साल प्रदेश सरकार ने गन्ने का राज्य समर्थन मूल्य 125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था।

वर्ष 2004-05 के पेराई सत्र में गन्ने की कीमत में 12 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया था। हालांकि वर्ष 2007-08 के पेराई सत्र के लिए केंद्र सरकार की ओर से गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 81 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था।

राज्य सरकार की ओर से गन्ने कीमत बढ़ाने की घोषणा मुख्यमंत्री मायावती ने की, जिसका चीनी उद्योगों की ओर से विरोध किया गया। दरअसल,चीनी उद्योगों ने सरकार से इच्छा जताई थी कि बढ़ती लागत की वजह से गन्ने का मूल्य 112 रुपये प्रति क्विंटल तय किया जाए।

वर्ष 2007-08 में राज्य में  करीब 16 करोड़ टन गन्ने का उत्पादन हुआ था। हालांकि इस सत्र में गन्ने का उत्पादन 12 करोड़ टन रहने का अनुमान है। गन्ने की उत्पादन में कमी की वजह किसानों को समय पर फसल का मूल्य नहीं मिलना भी है। इसकी वजह से किसान गन्ना को छोड़कर अन्य खाद्यान्न के उत्पादन करने में जुट गए हैं।

इस बीच, गन्ना सोसाइटी के स्थायी परिषद के रविंदर सिंह ने राज्य सरकार की ओर से घोषित गन्ने की कीमत का स्वागत किया है और कहा कि चीनी मिल मालिक किसानों को इस दर का भुगतान करने में सक्षम हैं। राज्य में अनुमानित 40 लाख किसान गन्ना उत्पादन से जुड़े हैं, जबकि राज्य के मिलों की पेराई क्षमता करीब 8 करोड़ टन है।

First Published - October 20, 2008 | 1:57 AM IST

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