केंद्र सरकार ग्रीन हाइड्रोजन के लिए ‘डिमांड एग्रीगेटर’ मॉडल पर जल्द ही निविदाएं जारी करेगी। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने अपने हाल के कैबिनेट नोट में प्रस्ताव किया है कि उर्वरक, स्टील और रिफाइनरियों जैसे प्रमुख क्षेत्रों से ग्रीन हाइड्रोजन की मांग का एकत्रीकरण किया जाएगा और एक साथ बड़ी निविदा की पेशकश की जाएगी।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, कानून, उर्वरक विभाग के अलावा अन्य मंत्रालयों के पास उनकी राय के लिए कैबिनेट नोट भेजा गया है। मांग एकत्रीकरण से ग्रीन हाइड्रोजन की वाणिज्यिक आपूर्ति के लिए उल्लेखनीय मात्रा का सृजन हो सकेगा। एमएनआरई ने प्रस्ताव किया है कि एसईसीआी बोली प्रक्रिया का आयोजन कर सकती है, जब तक कि अन्य मंत्रालयों की ओर से किसी अन्य एजेंसी का सुझाव नहीं दिया जाता है। एमएनआरई के तहत एसईसीआई नोडल एजेंसी है, जो सौर व पवन बिजली परियोजनाओं के निविदा का काम करती है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि नए राष्ट्रीय हाइड्रोकार्बन मिशन में कुछ उद्योगों द्वारा ग्रीन हाइड्रोजन खरीदे जाने की बाध्यता तय की गई है। अधिकारी ने कहा, ‘इससे टेंडर की डिजाइनिंग व मौजूद मांग की गणना में मदद मिलेगी।’
केंद्रीय बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने पिछले महीने कहा था कि ग्रीन हाइड्रोजन को अक्षय ऊर्जा खरीद बाध्यता (आरपीओ) में शामिल किया जाएगा। आरपीओ में प्रावधान है कि राज्य/बिजली डिस्कॉम को अपनी ऊर्जा खरीद की एक निश्चित मात्रा हरित ऊर्जा स्रोतों से खरीदनी होगी। एमएनआरई को उम्मीद है कि मेगा टेंडर से ग्रीन हाइड्रोजन की लागत नीचे आएगी। इसी तरह का मॉडल एलईडी वितरण में अपनाया गया है, जहां प्रति बल्ब लागत 60 रुपये रह गई है, जो दो साल पहले 300 रुपये थी। अधिकारी ने कहा, ‘अब कुछ कारोबारी ग्रीन हाइड्रोजन में रुचि दिखा रहे हैं, जिनमें तेल कंपनियां भी शामिल हैं। इससे इस उत्पाद को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।’ ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के क्षेत्र में कदम रखने की घोषणा करने वाली कंपनियों में सरकारी ताप बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड, अदाणी इंटरप्राइजेज, नया कदम रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्मे सोलर, सरकारी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल लिमिटेड शामिल हैं।
हाइड्रोजन बसों के लिए निविदा जारी
सरकारी बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड दिल्ली और लेह में 5-5 बसें चलाएगी, जिनमें कंपनी द्वारा उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल होगा। इसने फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए बोली आमंत्रित किया है। अंडमान के बाद, जहां एनटीपीसी ने 14 हाइड्रोजन बसें पेश की थी, दिल्ली और लेह में पहली बार ऐसा किया जा रहा है। एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (एनवीवीएन) की ओर से इसके लिए निविदा जारी की गई है। एक अधिकारी ने कहा, ‘ये बसें शून्य उत्सर्जन वाहन होंगी।’