Sugar Production: चीनी पेराई सीजन अंतिम चरण में पहुंच चुका है। अभी तक देश में करीब 300 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। चालू चीनी सीजन में चीनी उत्पादन 340 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि पहले 330.5 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। महाराष्ट्र में अनुमान से अधिक चीनी उत्पादन होने के कारण इस साल देश में अधिशेष चीनी उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी अनुमान के आधार पर चीनी उद्योग संघ 10 लाख टन चीनी निर्यात करने की मांग कर रहा है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड (NFCSF) के आकड़ों के मुताबिक 31 मार्च 2024 तक देश में 2950.14 लाख टन गन्ने की पेराई की गई है और अब तक 299.45 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है। देश में कुल 535 चीनी मिलों ने पेराई सीजन में भाग लिया था जिसमे से अब तक 326 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दिया है। जबकि पिछले सीजन 2022-23 में इस समय तक 534 चीनी मिलों ने पेराई में भाग लिया था और 350 चीनी मिलें बंद हो चुकी थी और 3052.56 लाख टन गन्ना पेराई कर 301.25 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था।
राज्यों में चीनी उत्पादन के मामले में फिलहाल महाराष्ट्र सबसे आगे है और उसके बाद उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। महाराष्ट्र में अब तक 107.30 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है जबकि उत्तर प्रदेश में अब तक 97.10 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है। तीसरे नंबर पर कर्नाटक है। महाराष्ट्र में उम्मीद से अधिक चीनी उत्पादन होने की वजह से देश में चीनी उत्पादन में अधिशेष का अनुमान लगाया जाने लगा है और इसी आधार पर भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने सरकार से 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया है।
इस्मा ने कहा है कि सितंबर को समाप्त होने वाले विपणन वर्ष में चीनी के सकल उत्पादन के अपने अनुमान को 9.5 लाख टन बढ़ाकर 340 लाख टन कर दिया है। इसके पहले जनवरी में संघ ने विपणन वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) में एथनॉल के लिए शीरे के उपयोग में लाये जाने के बिना, सकल चीनी उत्पादन 330.5 लाख टन होने का अनुमान लगाया था। जबकि पिछले वर्ष का सकल उत्पादन 366.2 लाख टन था।
इस्मा के मुताबिक एथेनॉल की ओर 20 लाख टन चीनी के अनुमानित डायवर्सन के बाद चालू सीजन के लिए शुद्ध अनुमानित चीनी उत्पादन 320 लाख टन है। पिछले सीजन का करीब 56 लाख टन स्टॉक और इस बार का शुद्ध चीनी उत्पादन मिलाकर देश में चीनी का स्टॉक 376 लाख टन हो जाएगा जबकि देश में 285 लाख टन चीनी खपत का अनुमान है। इस तरह 30 सितंबर 2024 को समाप्त होने वाले विपणन वर्ष में 91 लाख टन अधिशेष स्टॉक होने की उम्मीद है।
इस्मा के बयान में कहा गया कि 2024-25 के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी से विभिन्न क्षेत्रों में गन्ने की अधिक खेती को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है, जिससे गन्ने की मजबूत आपूर्ति सुनिश्चित होगी। 2024 में सामान्य से अधिक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का अनुमान लगाया है, जिससे 2024-25 में मध्यम पेराई सत्र होगा और पर्याप्त चीनी उपलब्धता होगी।
खाद्य सचिव को लिखे पत्र में इस्मा ने कहा है कि देश में पर्याप्त चीनी होने और अगले साल गन्ना की बुआई अधिक होने के अनुमान है। इस आधार पर चालू सीजन में 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने पर विचार किया जाए। सरकार निर्यात की अनुमति देती है तो यह उद्योग और किसान दोनों के हित में होगा।