यूरोप में ऋण संकट के गहराने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आने और इंधन की मांग कम होने की चिंता बढ़ने से व्यापारियों ने अपने जमा सौदों में से कुछ हिस्से का निपटान किया जिससे वायदा बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चा तेल का सर्वाधिक सक्रिय अक्टूबर अनुबंध की कीमत 1.76 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,342 रुपये प्रति बैरल के स्तर तक नीचे चला गया जिस अनुबंध में 3,101 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
इसी तरह से नवंबर अनुबंध की कीमत भी 1.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,340 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक नीचे रह गया जिसमें 234 लॉट के लिए कारोबार हुआ। यूरोप में ऋण संकट के गहराने से कारोबारी धारणा में मंदी का रुख कायम हो गया। इससे यह चिंता बढ़ गई कि वैश्विक आर्थिक विकास की गति कम होगी और इंधन की मांग घटेगी।
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका की अगुवाई में आए वित्तीय संकट के कारण वैश्विक आर्थिक विकास दर कम होगी और इससे इंधन की मांग कम होने की आशंका के कारण यहां वायदा बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई। इस बीच न्यूयॉर्क मर्केन्टाइल एक्सचेंज में नवंबर डिलीवरी वाले कच्चे तेल की कीमत 2.28 डॉलर घटकर 91.60 डॉलर प्रति बैरल रह गया।