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Silver Hallmarking: सोने की तरह अब चांदी पर भी ‘हॉलमार्किंग’ जरूरी! जानें क्या है सरकार का प्लान

चांदी की ‘हॉलमार्किंग’ यानी सफेद धातु की शुद्धता को प्रमाणित करना वर्तमान में दुकानदार या ग्राहक की इच्छा पर निर्भर है।

Last Updated- January 06, 2025 | 6:28 PM IST
Silver Hallmarking: Like gold, now 'Hallmarking' is necessary on silver too! Know what is the government's plan सोने की तरह अब चांदी पर भी ‘हॉलमार्किंग’ जरूरी! जानें क्या है सरकार का प्लान

 Silver Hallmarking: खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने सोमवार को कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) को उपभोक्ताओं की मांग के अनुरूप चांदी तथा चांदी के सामान के लिए ‘हॉलमार्किंग’ अनिवार्य करने पर विचार करना चाहिए। जोशी ने 78वें BIS स्थापना दिवस समारोह में कहा, ‘‘चांदी की ‘हॉलमार्किंग’ के लिए उपभोक्ताओं की ओर से मांग आ रही है। आप (BIS) इसपर विचार-विमर्श कर निर्णय ले सकते हैं।’’

मंत्री ने कार्यक्रम से इतर पत्रकारों को बताया कि इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और सरकार हितधारकों के साथ विचार-विमर्श तथा BIS द्वारा व्यवहार्यता आकलन पूरा होने के बाद निर्णय लेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने BIS से व्यवहार्यता पर काम करने और उपभोक्ताओं तथा आभूषण डीलर से प्रतिक्रिया लेने को कहा है। हम सभी हितधारकों से परामर्श करेंगे और प्रक्रिया शुरू करेंगे।’’

चांदी की ‘हॉलमार्किंग’ यानी सफेद धातु की शुद्धता को प्रमाणित करना वर्तमान में दुकानदार या ग्राहक की इच्छा पर निर्भर है। BIS के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि ब्यूरो तीन से छह महीने में अनिवार्य चांदी ‘हॉलमार्किंग’ लागू करने के लिए तैयार हो सकता है। हितधारकों के साथ विचार-विमर्श जारी है।

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तिवारी ने कहा, ‘‘हितधारकों के साथ कई दौर की चर्चा हुई है और वे इसके पक्ष में हैं। छह अंक वाले ‘अल्फान्यूमेरिक कोड’ पर चर्चा जारी है।’’ यह कदम जून, 2021 में शुरू की गई सोने की अनिवार्य ‘हॉलमार्किंग’ के सफल कार्यान्वयन के बाद उठाया गया है, जो अब 361 जिलों में विस्तारित हो चुकी है। इसका उद्देश्य उपभोक्ता हितों की रक्षा करना तथा सोने के उत्पाद की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना है।

मौजूदा ‘हॉलमार्किंग’ प्रणाली में छह-अंकीय ‘अल्फान्यूमेरिक कोड’ शामिल है, जो सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है। मंत्री ने कहा, ‘‘अब खरीदे जा रहे करीब 90 प्रतिशत आभूषणों की ‘हॉलमार्किंग’ की जाती है। इसकी शुरुआत के बाद से 44.28 करोड़ से अधिक स्वर्ण आभूषणों को विशिष्ट पहचान के साथ ‘हॉलमार्क’ द्वारा चिन्हित किया गया है।’’

मंत्री ने बताया कि गुजरात, कर्नाटक और अन्य राज्यों के हितधारकों ने चांदी पर भी ‘हॉलमार्किंग’ अनिवार्य करने का अनुरोध किया है। BIS अधिनियम के तहत 1986 में स्थापित भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) एक स्वायत्त राष्ट्रीय निकाय है। इसपर उत्पादों तथा सेवाओं के लिए गुणवत्ता मानक निर्धारित करने की जिम्मेदारी है।

First Published - January 6, 2025 | 6:28 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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