बुधवार को भारतीय वस्तुओं के निर्यात पर अमेरिका के 25 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संभावित डॉलर बिक्री के हस्तक्षेप के कारण गुरुवार को रुपया स्थिर रहा। डीलरों ने यह जानकारी दी। भारत पर अब ब्राज़ील के बराबर अमेरिका ने सबसे ज़्यादा 50 फीसदी टैरिफ़ लगा दिया है। यह अतिरिक्त टैरिफ़ 28 अगस्त से लागू होगा। स्थानीय मुद्रा 87.71 प्रति डॉलर पर बंद हुई जो एक दिन पहले के बंद भाव 87.74 प्रति डॉलर के मुकाबले करीब-करीब स्थिर है।
आईएफए ग्लोबल के मुख्य कार्याधिकारी अभिषेक गोयनका ने कहा, रुपये में नई तेजी की पुष्टि के लिए डॉलर-रुपये का 87.95 -88.00 के स्तर से ऊपर बंद होना जरूरी है। हालांकि हालिया गतिविधियों को देखते हुए ऐसा लगता है कि केंद्रीय बैंक रुपये को और अधिक गिरने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत द्वारा रूसी तेल के निरंतर आयात का हवाला देते हुए भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। इस कदम से चुनिंदा भारतीय निर्यातों पर कुल शुल्क प्रभावी रूप से 50 फीसदी हो गया है।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के ट्रेजरी प्रमुख अनिल कुमार भंसाली ने कहा, टैरिफ के आर्थिक प्रभाव चिंता का विषय हैं क्योंकि बढ़ते व्यापार तनाव के कारण भारत के जीडीपी वृद्धि के अनुमान में संभावित रूप से कमी आ सकती है। गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में भारत के कच्चे तेल के आयात (वॉल्यूम में) में अमेरिका का योगदान करीब 4 फीसदी था जो वित्त वर्ष 2024 में करीब 1 फीसदी रहा था जबकि रूसी आयात भारतीय तेल आयात का लगभग एक तिहाई है।