facebookmetapixel
Stocks to watch today, Sep 12: NBCC, RailTel समेत इन 17 स्टॉक्स पर आज रहेगी निवेशकों की नजर10 करोड़ शेयर वापस खरीदेगी Infosys, अब TCS-Wipro की बारी?Stock Market Today: बाजार में तेजी के संकेत, Infosys बायबैक और IPO पर रहेगी नजर50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चाE20 पेट्रोल विवाद पर बोले नितिन गडकरी, पेट्रोलियम लॉबी चला रही है राजनीतिक मुहिमभारत को 2070 तक नेट जीरो हासिल करने के लिए 10 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत: भूपेंद्र यादवGoogle लाएगा नया फीचर: ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेगा अलग-अलग विज्ञापन, ब्रांडों को मिलेगा फायदा

रबड़ की कीमत में मजबूती बरकरार

Last Updated- December 05, 2022 | 4:21 PM IST


अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक रबड़ की मांग बढ़ने और भविष्य में इसकी कीमत में और तेजी आने के अंदेशे से इसकी कीमत में लगातार तेजी तेजी बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में रबड़ की कीमत 13 रुपये प्रति किलो के उछाल के साथ 101 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। कोट्टयम के एक बड़े रबड़ व्यापारी ने बताया कि फरवरी-मार्च के दौरान करीब 10,000 टन रबड़ का निर्यात किया जाएगा। ऐसे में रबड़ बोर्ड की ओर से जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसमें थोड़ी ही कमी आएगी। उधर, निर्यातक भारी मात्रा में रबड़ का निर्यात कर रहे हैं, जबकि रबड़ उत्पादक किसान अपने स्टॉक को फिलहाल बेचने के मूड में नहीं हैं। ऐसे में कोच्चि और कोट्टयम के जिंस बाजार में रबड़ की खासी किल्लत बननी हुई है। 22 फरवरी तक तकरीबन 39,500 टन रबड़ का निर्यात किया गया, जो 31 जनवरी तक किए गए रबड़ निर्यात (29,674 टन) से करीब 10,000 टन ज्यादा है। रबड़ बोर्ड ने चालू वित्तीय वर्ष में कुल 50,000 टन रबड़ के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वर्ष 2008 में यह पहला मौका है, जब आरआरएस-4 रबड़ की कीमत 100 रुपये प्रिति किलो को पार किया है। पिछले साल, 5 फरवरी, 2007 को रबड़ का सर्वाधिक मूल्य 100.75 रुपये प्रति किलो तक पहुंचा था। इंडियन रबड़ डीलर फेडरेशन (आईआरडीएफ) के अध्यक्ष जॉर्ज वैली ने बताया कि 31 जनवरी को रबड़ के भंडार में 225,942 टन रहने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भंडार गिर कर 150,000 टन तक पहुंच गया। इसी बीच, फरवरी और मार्च माह के दौरान प्रतिकूल मौसम (तेज गर्मी) के कारण रबड़ के उत्पादन में भी कमी आई है। रबड़ बोर्ड के  मुताबिक, फरवरी माह में रबड़ का उत्पादन 52,500 टन रहने का अनुमान है, जबकि मार्च में 47,000 टन उत्पादन हो सकता है। यानी उत्पादन का सालाना आंकड़ा 830,000 टन पहुंच सकता है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान हुए उत्पादन से कुछ ही कम रहेगा। कम उत्पादन की एक वजह यह भी है कि कम उत्पादकमा की वजह से कुछ इलाकों में पेड़ों से रबड़ का दोहन बंद कर दिया गया है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसका दोहन अब भी हो रहा है। ऐसे में रबड़ का उत्पादन अनुमानित लक्ष्य से 1-2 फीसदी कम रह सकता है।

First Published - February 26, 2008 | 9:44 PM IST

संबंधित पोस्ट