KRBL, LT Foods और चमन लाल सेतिया एक्सपोर्ट्स (CLSEL) जैसे चावल निर्यातकों के शेयरों ने कैलेंडर वर्ष 2022 में 61 प्रतिशत, 54 प्रतिशत और 35 प्रतिशत की शानदार तेजी दर्ज की। प्राप्तियों में सुधार और कीमत वृद्धि की वजह से मजबूत निर्यात तथा ऊंची वैश्विक मांग की मदद से इन कंपनियों के शेयरों में यह तेजी दर्ज की गई।
विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक और घरेलू चावल की मांग 2023 में भी मजबूत बनी रहेगी। इससे इन शेयरों की कीमतें मजबूत बनी रहेंगी।
तेजी को देखते हुए कीमतों में किसी भी तरह की गिरावट निवेशकों के लिए अच्छा अवसर साबित होगी।
वेंचुरा सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख विनीत बोलिंजकर का कहना है, ‘भू-राजनीतिक तनाव की वजह से सख्त वैश्विक आपूर्ति किल्लत पैदा हुई है जिससे भारत से ऊंचे चावल निर्यात को बढ़ावा मिला और कीमतों में तेजी आई। इससे एलटी फूड्स, CLSEL, और KRBL ने पिछले साल शानदार नतीजे दर्ज किए। हम इन शेयरों पर उत्साहित हैं, और अच्छी मांग, निर्यात बाजारों में बढ़ती पैठ और भारत में बासमती चावल की खपत में सुधार आने से इन कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन लगातार मजबूत रहने की उम्मद कर रहे हैं।’
उद्योग के विश्लेषकों के अनुसार, अन्य देशों की तुलना में भारतीय चावल की प्रतिस्पर्धी कीमतों की वजह से भी वैश्विक बाजार में इसकी मांग बढ़ी है। चावल की कीमत अगले वित्त वर्ष में ऊंची बने रहने की संभावना है।
जून और सितंबर 2023 के बीच अल नीनो के दक्षिणपूर्व मॉनसून पर बढ़ते प्रभाव की आशंका को भी ध्यान में रखने की जरूरत होगी, क्योंकि इससे धान समेत खरीफ उत्पादन प्रभावित हो सकता है और कीमतें चढ़ सकती हैं।
इस बीच, क्रिसिल रेटिंग्स का मानना है कि बासमती चावल खंड वित्त वर्ष 2023 में 30 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज करेगा। घरेलू मांग में सुधार की मदद से इस खंड की बिक्री 50,000 करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान है। पश्चिम एशिया और अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों से मजबूत मांग की वजह से चावल निर्यात 11 प्रतिशत के साथ 44 लाख टन रह सकता है।
भारत अप्रैल-दिसंबर 2022 में पहले ही 32 लाख टन बासमती चावल का निर्यात कर चुका है, जो सालाना आधार पर 16 प्रतिशत तक अधिक है। रेटिंग एजेंसी का कहना है, ‘निर्यात में वृद्धि भू-राजनीतिक समस्याओं के बीच इस अनाज की मांग में आ रही तेजी पर केंद्रित है और भारत को बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान से कम बासमती निर्यात की वजह से फायदा मिल रहा है।’
प्राप्तियों के संदर्भ में, CLSEL की बासमती चावल प्राप्तियां वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में बढ़कर 95 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गईं, जो 2021-22 में 70 रुपये पर थीं, जबकि वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में केआरबीएल के लिए इसमें सालाना आधारपर 33 प्रतिशत तक का इजाफा दर्ज किया गया।
वित्त वर्ष 2023 की पहली तीन तिमाहियों में, CLSEL, KRBL, LT Foods का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 88 प्रतिशत, 66 प्रतिशत, और 24 प्रतिशत बढ़ा, जबकि राजस्व में 65 प्रतिशत, 27 प्रतिशत और 31 प्रतिशत की तेजी आई। IDBI Capital के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर का कहना है कि इन्वेंट्री स्तर ऐसा अन्य महत्वपूर्ण मानक है जिस पर निवेशकों को चावल कंपनियों पर दांव लगाते वक्त ध्यान रखना चाहिए।
31 दिसंबर, 2022 तक, KRBL के पास कुल इन्वेंट्री (चावल और धान) 40 प्रतिशत था, जो पिछले साल के मुकाबले 4,435 करोड़ रुपये तक अधिक है।