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ट्रांसपोर्टरों को राहत

Last Updated- December 11, 2022 | 12:01 AM IST

नैशनल परमिट के मामले में सरकार ने ट्रांसपोर्टरों को राहत दे दी है।
केंद्र सरकार एवं ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस (एआईएमटीसी) के बीच हुए समझौते के मुताबिक ट्रांसपोर्टरों को नेशनल परमिट के लिए अब सालाना 15,000 रुपये का भुगतान करना होगा।
इस राशि के भुगतान के बाद वे साल भर तक देश के किसी भी राज्य में बेरोकटोक प्रवेश कर सकेंगे। फिलहाल ट्रांसपोर्टरों को प्रति प्रांत 5,000 रुपये का सालाना भुगतान करना पड़ता है। यानी कि पांच राज्यों में जाने के लिए उन्हें सालाना 25,000 रुपये का भुगतान करना पड़ता है।
परमिट का नया नियम 1 जनवरी, 2010 से लागू माना जाएगा। इस नियम के लागू होने के बाद सामानों की ढुलाई में परमिट का व्यवधान सामने नहीं आएगा। मोटर कांग्रेस एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच गुरुवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। गत 12 जनवरी को मोटर कांग्रेस की मांग पर परिवहन विभाग ने परमिट राशि में संशोधन के लिए एक कमेटी का गठन किया था।
इस कमेटी में विभिन्न राज्यों के परिवहन आयुक्त के अलावा मोटर कांग्रेस के पदाधिकारियों को भी बतौर सदस्य नियुक्त किया गया था। कमेटी ने गत 8 अप्रैल को परिवहन मंत्रालय को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी थी।
कमेटी के सदस्य एवं मोटर कांग्रेस के अध्यक्ष हरचरण सिंह लोहारा ने बताया कि हर एक साल के बाद परमिट की सालाना राशि पर पुनर्विचार किया जाएगा। क्योंकि कई राज्यों ने नए नियम के तहत राजस्व में कमी की बात उठायी है।
समझौते के मुताबिक राज्यों को वर्तमान नियम के मुकाबले नए नियम के तहत राजस्व का नुक्सान होने पर परमिट की भुगतान राशि में बढ़ोतरी की जा सकती है, और फायदा होने पर उन्हें अतिरिक्त राशि को सड़कों की दशा सुधारने पर खर्च करना होगा।
उनका यह भी कहना है कि इस नियम से ट्रकों के भाड़ों में भी संतुलन कायम होगा। लोहारा कहते हैं, ‘मान लीजिए कोलकाता जाने वाले ट्रकों की मांग बढ़ गई। ऐसे में सीमित ट्रक वालों के पास कोलकाता के लिए परमिट होने के कारण व्यापारियों को अधिक किराए का भुगतान करना पड़ेगा, लेकिन नए नियम के लागू होने के बाद कारोबारियों के सामने यह समस्या नहीं आएगी।
समझौता
पहले हर राज्य के  अलग-अलग परमिट के लिए देने होते थे 5000 रुपये सालाना
नया नियम 1 जनवरी 2010 से लागू होगा

First Published - April 11, 2009 | 4:37 PM IST

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