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जुलाई महीने में खाद्य तेलों का रिकॉर्ड आयात होने का अनुमान, चालू सीजन में तिलहन फसलों की हुई जबरदस्त बोआई

द्य तेल का आयात रिकॉर्ड 1.9.2 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने के नजदीक है, जो एक महीने पहले से लगभग 26 फीसदी अधिक है।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- July 24, 2024 | 7:34 PM IST

चालू खरीफ सीजन में तिलहन फसलों की रिकॉर्ड हुई है। अभी तक देश में तिलहन फसलों का रकबा 163 लाख हेक्टेयर के पार पहुंच चुका है जो तिलहन फसलों की बोआई का नया रिकॉर्ड है। वहीं दूसरी तरफ त्योहारी सीजन की आवश्यकता को देखते हुए भारत का जुलाई महीने का खाद्य तेल आयात रिकॉर्ड स्तर पहुंच ने का अनुमान लगाया जा रहा है। जुलाई में पाम तेल (Palm Oil) का आयात एक महीने पहले से 45 फीसदी बढ़कर 11.4 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, जो पिछले 20 महीनों में सबसे ज्यादा है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक खाद्य तेल का आयात रिकॉर्ड 1.9.2 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने के नजदीक है, जो एक महीने पहले से लगभग 26 फीसदी अधिक है। नवंबर 2023 से शुरू हुए चालू विपणन वर्ष में भारत अब तक औसतन हर महीने 12 लाख टन खाद्य तेल का आयात कर चुका है। जुलाई में पाम तेल का आयात एक महीने पहले से 45 फीसदी बढ़कर 11.4 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, जो पिछले 20 महीनों में सबसे ज्यादा है।

जुलाई में आयात अधिक होने की दो प्रमुख वजह मानी जा रही है। एक तो पाप तेल एवं सोयाबीन तेल का भाव आकर्षक स्तर पर चल रहा था और दूसरा आयातकों को आशंका थी कि केन्द्रीय आम बजट में खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में वृद्धि की घोषणा की जा सकती है। लेकिन बजट में आयात शुल्क नहीं बढ़ाया गया।

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत ने जुलाई डिलीवरी के लिए खाद्य तेलों की रिकॉर्ड मात्रा में खरीदारी की है, क्योंकि आने वाली त्यौहार सीजन में आवश्यकता बढ़ने की और भारत के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आकर्षक कीमतों के कारण और आयात शुल्क में प्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण पाम तेल और सोया तेल की खरीद बढ़ा दी है।

सूत्रों के मुताबिक विभिन्न बंदरगाहों पर लगभग 14.5 लाख टन खाद्य तेल पहले ही भेजा जा चुका है, जिसमें 8.5 लाख टन पाम तेल भी शामिल है। शंकर ठक्कर ने कहा सरकार को पिछले दो वर्षों से अधिक समय में खरीद की गई सरसों को बाजार में लाना चाहिए जिससे किफायती दामों पर लोगों को देसी तेल उपलब्ध हो सके और पुरानी हो रही सरसों के रख-रखाव के खर्च के नुकसानी से भी बचा जा सके।

कृषि मंत्रालय द्वारा 23 जुलाई को जारी किए गए खरीफ फसलों के बोआई आंकड़ों के मुताबिक देश में 19 जुलाई तक तिलहन फसलों का बोआई क्षेत्र बढ़कर 163.11 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक देश में तिलहन फसलों का बोआई रकबा 150.91 लाख हेक्टेयर था।

चालू खरीफ सीजन में तिलहन फसलों का रकबा अब तक का नया रिकॉर्ड है। इसके पहले इस समय तक 2022 में 156.38 लाख हेक्टेयर, 2021 में 142.03 लाख हेक्टेयर, 2020 में 162.68 लाख हेक्टेयर और 2019 में 133.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन फसलों की बोआई हुई थी ।

First Published : July 24, 2024 | 7:34 PM IST