हल्दी में मजबूती की संभावना
हल्दी के वायदा कारोबार में इस हफ्ते मजबूती की गुजांइश दिख रही है। कमोडिटी विशेषज्ञों के मुताबिक, पहले ही हल्दी में बहुत ज्यादा कमी हो चुकी है लिहाजा अब इसकी कीमत में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
पिछले कुछ सत्रों में वायदा बाजार में ठीक अगले महीने के अनुबंध वाले हल्दी का भाव 600 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक कम हो चुका है। अनुमान है कि इस हफ्ते हाजिर बाजार में हल्दी की कीमत 4,500 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा ही रहेगा।
एग्रीवाच कमोडिटीज की विशेषज्ञ सुधा आचार्य के मुताबिक, दिल्ली सहित देश के उत्तरी इलाकों में फिलहाल खरीदारी हो रही है। उम्मीद की जा रही है कि रक्षाबंधन के बाद हल्दी की मांग में बढ़ोतरी होगी और कीमतें बढ़ेंगी। फिलहाल, हल्दी की निर्यात मांग काफी बढिया है। आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे हल्दी के बड़े उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिश होने से इसकी फसल में सुधार होने की उम्मीद है।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कई इलाकों में बारिश में देर होने या अच्छी बारिश से वंचित रहने से किसानों ने दूसरी फसलों का रुख किया है। सुधा आचार्य के अनुसार, उन्हें नहीं लगता कि बारिश के चलते हल्दी के रकबा में इस बार कोई बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। उनके मुताबिक, तमिलनाडु जैसे राज्यों में जहां हल्दी का रकबा बढ़ा है वहीं आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में यह थोड़ा घटा है।
एनसीडीईएक्स में ठीक अगले महीने के अनुबंध में जोरदार कमी हुई है। जबकि इसका भाव 4,000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे चला गया। शनिवार को इसमें 158 रुपये की कमी हुई और यह 3,801 रुपये प्रति क्विंटल तक चला गया। इस तरह, महज एक हफ्ते में ही इसमें 15 फीसदी की कमी हो चुकी है। अक्टूबर महीने के सौदे के लिए हल्दी का समर्थन मूल्य 3,812 रुपये प्रति क्विंटल देखा गया। इसका रेजिस्टेंस लेवल 4,175 रुपये प्रति क्विंटल पाया गया।
मेंथा में तेजी की उम्मीद
पिछले हफ्ते मेंथा में प्रति किलो 25 रुपये की कमी हुई थी। लेकिन इस हफ्ते निर्यात मांग बढ़ने और अगले सीजन में उत्पादन घटने की उम्मीद से इसकी कीमत में तेजी आने की उम्मीद जतायी जा रही है। पहले अनुमान जताया गया था कि इस बार मेंथा का उत्पादन 40 हजार टन के आसपास हो सकता है।
लेकिन ताजा अनुमान है कि अब मेंथा का उत्पादन 32 से 34 हजार टन ही रहेगा। मोतीवाल ओसवाल के कमोडिटी विशेषज्ञ कुणाल शाह ने बताया कि फिलहाल बाजार में मेंथा के लिए बाजार की स्थितियां तेजी के अनुकूल हैं। वहीं एनसीर्डईएक्स में अगले महीने के लिए मेंथा के वायदा सौदे में कमी के आसार हैं।
मेंथा से तेल निकालने के लिए अपनाए जाने वाले आसवीकरण प्रक्रिया में थोड़ी अनिश्चितता है। शाह ने बताया कि यह प्रक्रिया गति नहीं पकड़ पा रही है। एंगेल कमोडिटीज की रिपोर्ट के उनसार, तेजी के रुझान से मेंथा की कीमतों में वृद्धि की उम्मीद है। मेंथा तेल की मांग में इस साल 15 से 20 फीसदी तेजी की उम्मीद है। उनके मुताबिक इस समय उत्तर प्रदेश की मंडियों में बिकवाली का दबाव नहीं देखा जा रहा है।
कारोबारियों के मुताबिक, किसानों ने बेहतर कीमत की उम्मीद में अपने-अपने भंडार को थामे रखा है। रिपोर्टों में कहा गया है कि अधिकांश निर्यातक और स्थानीय आपूर्तिकर्ता बड़े भंडार बनाने की जुगत में हैं। ठीक अगले महीने के अनुबंध का समर्थन मूल्य 640 रुपये प्रति किलो और रेजिस्टेंस लेवल 691 रुपये प्रति क्विंटल रहने की उम्मीद है। शनिवार को अगस्त अनुबंध 635 रुपये प्रति किलो को पार कर गया।