भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारी मात्रा में डॉलर की बिकवाली कर मुद्रा बाजार में दखल दिया जिससे डॉलर के मुकाबले रुपये में आज अच्छी मजबूती आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ बैठक से पहले रुपये में सुधार आया है। अनुमान के मुताबिक आरबीआई ने करीब 8 अरब डॉलर की बिकवाली की जिससे रुपये को 87 प्रति डॉलर से नीचे लाने में मदद मिली।
रुपये में 0.74 फीसदी की मजबूती आई और सभी एशियाई मुद्राओं में इसका प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। मुद्रा बाजार के डीलरों ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने आरबीआई की ओर से बीते दो कारोबारी सत्र में करीब 12 अरब डॉलर की बिकवाली की है। रुपया मजबूत होकर 86.64 प्रति डॉलर पर आ गया था जो करीब दो साल में रुपये में सबसे बड़ी एकदिवसीय उछाल है। कारोबार की समाप्ति पर रुपया 86.83 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। सोमवार को यह 87.43 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि 2 दिन में करीब 12 अरब डॉलर की बिकवाली की गई है, जो मुद्रा बाजार में संभवत: अभी तक का सबसे बड़ा हस्तक्षेप है।’ उन्होंने कहा, ‘सच कहूं तो किसी को भी इतने व्यापक स्तर पर डॉलर की बिकवाली की उम्मीद नहीं थी। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री और ट्रंप के बीच बैठक से पहले सतर्कता बरती गई है। बैठक के नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे तब भी रुपया तत्काल 89 प्रति डॉलर के ऊपर न जा सके।’
पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मोदी-ट्रंप मुलाकात के दौरान भारत द्वारा अमेरिका से ऊर्जा की आपूर्ति बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है। सोमवार शाम को आरबीआई के फैसले ने सभी को चकित कर दिया। आरबीआई गुरुवार को खुले बाजार परिचालन के जरिये पहले से निर्धारित मात्रा से दोगुनी सरकारी बॉन्डों की खरीद करेगा। इस कदम को रुपये की तरलता की भरपाई के रूप में देखा जा रहा है।
चालू वित्त वर्ष में रुपया 3.94 फीसदी नरम हो चुका है जबकि इस साल अभी तक इसमें 1.40 फीसदी की गिरावट आई है। फरवरी में डॉलर के मुकाबले रुपया 0.24 फीसदी कमजोर हुआ है। आईएफए ग्लोबल के सीईओ अभिषेक गोयनका ने कहा, ‘रुपये में आज की तेजी आरबीआई द्वारा मुद्रा बाजार में किए गए हस्तक्षेप की बदौलत आई है।
वैश्विक बाजारों में उठापटक और देसी शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण मुद्रा पर दबाव बना हुआ है जिसके कारण केंद्रीय बैंक ने रुपये की गिरावट को थामने के लिए डॉलर की बिकवाली की। आरबीआई के उपाय से निकट अवधि में रुपये के स्थिर रहने की उम्मीद है मगर ट्रंप के परेशान करने वाले बयानों से निकट अवधि में रुपये में भी उठापटक देखी जा सकती है।’
दूसरी ओर डॉलर सूचकांक 108.30 पर स्थिर रहा। बाजार के भागीदारों ने कहा कि अत्यधिक अस्थिरता से अगले कुछ सत्रों में रुपये पर सट्टा ट्रेडिंग थम सकती है। एक डीलर ने कहा, ‘लोग अभी बड़ी पोजीशन लेने से परहेज कर सकते हैं। बुधवार को भी उठापटक बनी रह सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री एआई शिखर सम्मेलन में गए हैं। अमेरिका द्वारा शुल्क लगाए जाने की भी संभावना है। इसलिए आरबीआई ने शुल्क का मुकाबला करने के लिए हस्तक्षेप किया है।’