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बेमियादी हड़ताल की तैयारी में दलहन कारोबारी

Last Updated- December 12, 2022 | 2:57 AM IST

केंद्र सरकार की तरफ से दलहन स्टॉक सीमा तय किए जाने के विरोध में देशभर की मंडियां बंद रहीं। दलहन और अनाज मंडियां 7 जुलाई तक बंद करने के साथ दलहन कारोबारियों ने सरकार से मांग की है कि वह स्टॉक सीमा के आदेश को वापस ले। कारोबारियों ने चेतावनी दी है कि सरकार उनकी बात नहीं मानती है तो देश भर की मंडिया अनिश्चितकालीन बंद रहेगी। स्टॉक सीमा लागू करने के बाद कीमतों में गिरावट हुई है।
दलहन स्टॉक सीमा के विरोध में देश भर की अधिकांश मंडियां आज भी बंद रही। दलहन कारोबारियों के मुताबिक पूरे देश के लगभग दस करोड़ व्यापारियों ने इस पर कड़ा विरोध जताया है, क्योंकि स्टॉक सीमा तय करने से किसान, दलहन व्यापारी, आढ़तिया, मिलर, आयातक, उपभोक्ता सभी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। ग्रेन, राइस ऑयलसीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन ( ग्रोमा ) के अध्यक्ष शरद कुमार मारू ने कहा कि पूरे देश मे आज भी एमएसपी से कम भाव है। सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम रद्द किया, क्योंकि व्यापारी, मिलर आदि माल ज्यादा खरीद सके, जिससे मांग बढ़ जाएगी तथा किसानों के माल का भाव बढ़ जाएगा और उनको अधिक फायदा मिलेगा। सरकार के इसी कदम के बाद कारोबारियों ने खरीदारी की और अचानक अपने फैसले को पलटते हुए स्टॉक सीमा तय कर दी जिससे किसानों और कारोबारियों को भारी नुकसान होगा। स्टॉक सीमा तय करने के बाद दाल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है इस पर मारू कहते हैं कि यह सच है कि सभी दालों के दाम में 400-300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई, क्योंकि कारोबारी डरकर अपना स्टॉक निकाल रहे हैं, जिससे आपूर्ति बढऩे से कीमतें गिरी है लेकिन यह गिरावट महज कुछ दिनों के लिए है। दाल के दाम बढऩे की सबसे बड़ी वजह न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी है, जिससे किसानों को फायदा हुआ है।
नवी मुंबई ग्रोमा के सचिव भीमजी भानुशाली ने कहा कि दलहन की पैदावार को किसानों को 3 महीने में बेचना होता है जिसमें 10 फीसदी अनाज सरकार किसानों से एमएसपी भाव पर खरीदती है बाकी 90 फीसदी आढ़तिया, मिलर, कॉरपोरेट, व्यापारी खरीदकर किसानों का सहयोग करते हैं और अगली पैदावार आने तक एक साल में बेचते है, इसीलिए स्टॉक सीमा नहीं लगाना चाहिए, इससे किसान बर्बाद हो जाएगा।
स्टॉक सीमा के विरोध में पूरे देश की अधिकांश मंडियां बंद हैं। दलहन एवं अनाज कारोबारियों ने आज एक बैठक की। ग्रोमा के अध्यक्ष शरद मारूके मुताबिक स्टॉक सीमा लगाने के विरोध में 7 जुलाई तक मंडियां बंद की गई हैं। मारू ने कहा कि हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह अपने फैसले में पुनर्विचार करे, हमने सरकार के नियमों के मुताबिक ही दालों की खरीद की है ।

First Published - July 6, 2021 | 11:44 PM IST

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