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Pulses stock limit: केंद्र सरकार ने दालों के दाम नियंत्रित करने के लिए लगाई भंडारण सीमा

केंद्र सरकार ने इससे पहले इस साल अप्रैल के पहले सप्ताह में राज्य सरकारों को सभी स्टॉक होल्डिंग संस्थाओं द्वारा अनिवार्य स्टॉक घोषित करने को कहा था।

Last Updated- June 21, 2024 | 8:08 PM IST
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Pulses stock limit: केंद्र सरकार ने जमाखोरी रोकने व उपभोक्ताओं को किफायती दाम पर दाल उपलब्ध कराने के लिए कुछ दालों पर भंडारण सीमा लगाने का आदेश जारी किया है। यह सीमा आज से यानी 21 जून से ही लागू हो गई है।

इस आदेश के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 30 सितंबर, 2024 तक काबुली चना सहित अरहर और चना के लिए भंडारण सीमा निर्धारित की गई है। थोक विक्रेताओं के लिए प्रत्येक दाल के लिए 200 टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 टन और प्रत्येक खुदरा दुकान पर 5 टन और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 टन की भंडारण सीमा तय की गई है।

दाल मिल मालिकों के लिए उत्पादन के अंतिम 3 महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 फीसदी जो भी अधिक हो, भंडारण सीमा तय की गई है। दाल आयातक कस्टम क्लीयरेंस की तारीख से 45 दिनों से अधिक समय तक आयातित स्टॉक को अपने पास नहीं रख सकेंगे।

जिनके पास ज्यादा भंडारण, वे 12 जुलाई तक निर्धारित सीमा लाए

भंडारण सीमा के तहत आने वाले सभी को उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर भंडारण की स्थिति घोषित करनी है और यदि उनके पास मौजूद भंडारण निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें इसे 12 जुलाई, 2024 तक निर्धारित भंडारण सीमा तक लाना होगा।

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केंद्र सरकार ने इससे पहले इस साल अप्रैल के पहले सप्ताह में राज्य सरकारों को सभी स्टॉक होल्डिंग संस्थाओं द्वारा अनिवार्य स्टॉक घोषित करने को कहा था। इसके साथ ही सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए इस साल 4 मई को देसी चने पर 66 प्रतिशत आयात शुल्क को कम किया था। शुल्क को कम करने से आयात में सुविधा हुई है और प्रमुख उत्पादक देशों में चने की बुआई में वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में वर्ष 2023-24 में चना उत्पादन 5 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 11 लाख टन होने का अनुमान है। इस चने की फसल के अक्टूबर 2024 से बाजार में आने की उम्मीद है। किसानों को अच्छी कीमत मिलने तथा भारतीय मौसम विभाग द्वारा सामान्य से अधिक मॉनसूनी बारिश की भविष्यवाणी के कारण इस मौसम में अरहर और उड़द जैसी खरीफ दालों की बुआई में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।

First Published - June 21, 2024 | 7:59 PM IST

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