facebookmetapixel
OpenAI-Nvidia की $100 बिलियन की डील के बाद दुनियाभर में रॉकेट बने सेमीकंडक्टर स्टॉक्सJioBlackRock Flexi Cap Fund: खत्म हुआ इंतजार, सब्सक्रिप्शन के लिए खुला फंड; ₹500 से निवेश शुरूएक महीने में 15% चढ़ गया Auto Stock, ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लो, कमाई बढ़ने से कंपनी को होगा फायदाFlipkart BBD Sale 2025: One Plus, Nothing से लेकर Samsung तक; ₹30,000 के बजट में खरीदें ये टॉप रेटेड स्मार्टफोन्सS&P ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर रखा बरकरार, कहा- रीपो रेट में हो सकती है कटौतीनवी मुंबई एयरपोर्ट से शुरू होंगी एयर इंडिया की नई उड़ानें, जल्द बढ़ेंगे अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनGST 2.0: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस में बड़ा झटका या बड़ा मौका? जानें ब्रोकरेज ने क्या बतायाAI एजेंट बनकर आता है सूट में, और कराएगा आपके लोन की वसूली – देखिए कैसेसोना अभी और दिखाएगा तेजी! जेफरीज के क्रिस वुड ने कहा- $6,600 तक जाएगा भावतेजी से गिरा Smallcap स्टॉक अब दे सकता है तगड़ा रिटर्न, ब्रोकरेज ने शुरू की कवरेज; कहा- ₹400 तक जाएगा भाव

Onion prices: चुनावी समय में दोधारी तलवार बनी प्याज, बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए बफर स्टॉक से होगी सस्ती बिक्री

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने हाल ही में प्याज निर्यात पर 550 डॉलर प्रति टन की न्यूनतम निर्यात कीमत की शर्त हटा दिया।

Last Updated- September 23, 2024 | 8:12 PM IST
onion procurement

Onion prices: महंगाई की मार से परेशान आम आदमी की नाराजगी चुनाव में न पड़े इसके लिए सरकार ने प्याज के दामों पर अंकुश लगाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार ने बफर स्टॉक से प्याज की बिक्री बढ़ाने का फैसला लिया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में प्याज निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया। इससे किसानों को तो फायदा हुआ लेकिन प्याज की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के किचन का बजट बिगाड़ दिया।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने हाल ही में प्याज निर्यात पर 550 डॉलर प्रति टन की न्यूनतम निर्यात कीमत की शर्त हटा दिया। इस कदम से किसानों को फायदा होने की संभावना है। हालांकि निर्यात खोलने से देश में प्याज की कीमतें बढ़ गई। जो चुनावी सीजन में सरकार के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

पिछले 10 दिनों में प्याज के दाम तेजी से बढ़े हैं। मुंबई के थोक बाजार में प्याज की कीमतें करीब 1500 रुपये बढ़कर 5000 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई। खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपये से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है। जबकि पिछले साल इस समय प्याज के दाम करीब 30-35 रुपये प्रति किलोग्राम थे।

प्याज की बढ़ती कीमतों से आम लोगों के साथ सत्ताधारी दल के उम्मीदवार भी परेशान है। उन्हे लग रहा है कि नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्याज कहीं उनका खेल खराब न कर दे। प्याज कारोबारियों का कहना है कि बारिश के कारण प्याज खराब हुई है जिसका असर कीमतों पर देखने को मिल रहा है। अगले महीने से नई फसल आना शुरू होगी तभी कीमतों पर लगाम लग सकेगी।

महाराष्ट्र के लासलगांव और नासिक सहित कुछ इलाकों में प्याज का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। मई में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान प्याज उत्पादक इलाकों में सरकार को करारी हार का मुंह देखना पड़ा था। किसानों की नाराजगी को खत्म करने के लिए ही सरकार ने प्याज निर्यात में लगे अंकुश को हटाने का फैसला लिया था।

पिछले साल अगस्त में सरकार ने 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 मार्च 2024 कर दिया गया था।

लोकसभा चुनाव से पहले मई 2024 में केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था। हालांकि, सरकार ने निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य तय कर दिया था।
प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार पूरे देश में सब्सिडी वाले प्याज की खुदरा बिक्री की योजना तैयार की है।

Also read: अटकते-भटकते अब परवान चढ़ रहा है इंदौर का नमकीन क्लस्टर, निर्यात को भी मिल सकता है दम

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे के मुताबिक निर्यात शुल्क हटाने के बाद हमें कीमतों में उछाल का अनुमान था। हमारे पास 4.7 लाख टन के बफर स्टॉक और खरीफ की बुआई के बढ़े हुए रकबे के साथ हमें उम्मीद है कि प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी। सरकार समूचे भारत में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की खुदरा बिक्री बढ़ाने की योजना बना रही है। इनमें उन शहरों पर ध्यान अधिक दिया जा रहा है जहां कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत प्याज का शुद्ध निर्यातक है। वर्ष 2021-22 में 3,326.99 करोड़ रुपये, वर्ष 2022-23 में 4,525.91 करोड़ रुपये और वर्ष 2023-24 में 3,513.22 करोड़ रुपये की प्याज निर्यात की गई। वित्तीय वर्ष 2023-24 में महाराष्ट्र में प्याज का कुल उत्पादन 86.02 लाख मीट्रिक टन रहा, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2021-22 में प्याज का उत्पादन क्रमशः 120.33 और 136.69 लाख मीट्रिक टन रहा।

मौजूदा वित्त वर्ष में 31 जुलाई तक 2.60 लाख टन प्याज निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2023-24 में 17.17 लाख टन निर्यात हुआ था। बेहतर मॉनसून को देखते हुए खरीफ सीजन में अच्छे प्याज उत्पादन की संभावना है। देश में प्याज की खपत करीब 17 लाख टन प्रति महीने की है। 2023-24 में केंद्र ने 6.4 लाख टन प्याज खरीदा था।

First Published - September 23, 2024 | 8:12 PM IST

संबंधित पोस्ट