केंद्र सरकार को उम्मीद है कि जनवरी तक प्याज की कीमत घटकर 40 रुपये किलो से कम हो जाएगी, जो अभी औसतन 57.02 रुपये प्रति किलो है।
उधर महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन को काबू में करने के लिए केंद्र ने किसानों से 2 लाख टन प्याज खरीदने की कवायद तेज कर दी है। सरकार ने पिछले सप्ताह प्याज निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा की थी, जिसके खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने किसानों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से निर्यात पर प्रतिबंध तत्काल खत्म करने की मांग की है। किसानों ने महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में सड़कें भी बाधित की।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया है कि कुछ समाधान निकाला जाएगा, जिससे किसानों को नुकसान न हो। प्याज के 2 लाख टन भंडार में से अब तक करीब 3,200 टन प्याज की खरीदारी हो चुकी है।
उधर प्रतिबंध को उचित बताते हुए उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि आगामी खरीफ की प्याज की फसल को देखते हुए प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। देरी से बोआई के कारण इस साल उत्पादन थोड़ा कम रहने की संभावना है।
साथ ही प्याज के अन्य प्रमुख उत्पादक देशों मिस्र और तुर्की ने भी निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे भारत की फसल पर दबाव पड़ने की संभावना है।
सिंह ने कहा, ‘मिस्र और तुर्की द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने से प्याज की पूरी वैश्विक मांग भारत की ओर मुड़ गई है। इसकी वजह से भारी शुल्क और एमईपी के बावजूद कुछ निर्यात अब भी जारी है। इसकी वजह से निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने को बाध्य होना पड़ा है।’
उन्होंने कहा कि नवंबर 2023 में करीब 1,20,000 टन प्याज का निर्यात भारत से किया गया, जो पिछले साल के समान महीने में हुए निर्यात से करीब 29 प्रतिशत कम है, लेकिन अभी भी यह ज्यादा है। दिसंबर महीने में 7 तारीख तक करीब 45,000 टन प्याज का निर्यात किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि निर्यात प्रतिबंध से किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और यह व्यापारियों का एक छोटा समूह है जो भारतीय तथा बांग्लादेश के बाजारों में कीमतों के बीच अंतर का फायदा उठा रहा है। सचिव ने कहा, ‘उन्हें (जो व्यापारी अलग-अलग कीमतों का फायदा उठा रहे थे) नुकसान होगा, लेकिन इससे फायदा किसे होगा (वे) भारतीय उपभोक्ता हैं।’
उन्होंने कहा कि ग्राहकों के बचाव के लिए केंद्र सरकार ने अब तक करीब 2,72,000 टन प्याज अपने भंडार से जारी किया है।
सिंह ने कहा, ‘हमारे पास अभी भी करीब 50,000 से 1,00,00 टन प्याज का भंडार है। इसके जरिये बाजार में हस्तक्षेप किया जा सकता है। इससे कीमतों पर नियंत्रण बना रहेगा।’
प्याज के दाम नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा की गई सख्ती का असर दिखने लगा है। प्याज के निर्यात पर रोक लगने के बाद इसकी कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। जानकारों के मुताबिक आगे इसके दाम और गिर सकते हैं।
निर्यात पर रोक के बाद प्याज के सबसे बडे उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की प्रमुख मंडी पिंपलगांव में प्याज की मॉडल कीमत 3,900 रुपये से घटकर 3,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है। दिल्ली की केशोपुर मंडी में प्याज के मॉडल भाव 4,000 रुपये से गिरकर 3,600 रुपये प्रति क्विंटल आ गए हैं।
दिल्ली के प्याज कारोबारी पी एम शर्मा ने बताया कि बीते कुछ दिनों से प्याज की कीमतों में नरमी का रुख था और अब प्याज के निर्यात पर रोक से भाव और नरम पड़ गए हैं। आने वाले दिनों प्याज के दाम और गिर सकते हैं।