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तेल के आयात का मीटर चढ़ रहा है ऊपर

Last Updated- December 05, 2022 | 10:04 PM IST

भारत में खाद्य तेलों का आयात लगातार  बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतों में बेतहाशा बढोतरी ने भारत के खाद्य तेल के आयात को बहुत प्रभावित किया है।


पिछले कुछ समय से, जबसे भारतीय मध्य वर्ग की आय में बढोतरी हुई है तबसे भारत में खाद्य तेलों का उपभोग भी काफी बढा है। सॉलवेंट एक्सट्रेक्टर्स, एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए ) के आंकड़ों के अनुसार देश में नवंबर 2007 से मार्च 2008 के बीच खाद्य तेल के आयात  38 फीसदी उछलकर  2,264,497 टन के स्तर पर पहुंच गया। जबकि पिछले साल इसी दौरान  1,642,951 टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था।


मार्च में इस साल खाद्य तेलों का आयात 33 फीसदी बढ़कर  421,686 टन हो गया, जबकि इसी दौरान पिछले साल 317,930 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था। जबकि गैर खाद्य तेलों का आयात 28 फीसदी बढ़कर 81,141 टन हो गई जबकि इसी दौरान पिछले साल यह 64,032 टन था।


औसत लागत, बीमे और भाड़े को मिलाकर मार्च 2008 में आरबीडी पाम ऑयल में 112 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल मार्च में यह औसतन 640 डॉलर प्रति टन में उपलब्ध था जबकि इस साल मार्च में इसकी कीमत 1354 डॉलर प्रति टन  तक पहुंच गई। इसी तरह क्रूड पाम ऑयल में 104 फीसदी का उछाल आया है।


इसकी कीमत पिछले साल की 609 डॉलर की तुलना में इस साल बढ़कर 1244 डॉलर प्रति टन तक हो गई हैं। कच्चे सोयाबीन तेल में भी 111 फीसदी का  उछाल आया और इसकी कीमतें पिछले साल की 680 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1434 डॉलर प्रति टन हो गई हैं। जबकि कच्चे सूरजमुखी तेल में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई और इसमें 155 फीसदी की तेजी आई। इसकी कीमतें 703 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1791 डॉलर प्रति टन हो गई हैं।


नवंबर 2007 से मार्च 2008 के बीच रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलिन) के आयात में चार फीसदी बढ़ा है और यह पहले के 27,930 टन से बढ़कर 87,710 टन हो गया है। इसी दौरान कच्चे तेल का आयात भी 1,40,071 से बढ़कर 1,852,671 टन हो गया है।


पहले पांच महीनों में 1,706,265 टन पाम ऑयल का आयात हुआ है जबकि एक साल पहले इसी समयावधि में 1,073,562 टन पाम ऑयल का आयात हुआ था।सॉफ्ट ऑयल के आयात में इस साल कमी आई है। इसी दौरान पिछले साल 325,509 टन सॉफ्ट ऑयल का आयात हुआ था जबकि  इस साल केवल 228,116 टन सॉफ्ट ऑयल का आयात हुआ है।


जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेज कीमतों के चलते इस साल के पहले पांच सालों में सूरजमुखी के तेल का आयात नहीं कि या गया है। दूसरी ओर गैर खाद्य तेलों के आयात में 36 फीसदी की बढोतरी हुई है। पिछले साल के 241,880 टन के मुकाबले इस साल 330,116 टन गैर खाद्य तेलों का आयात हुआ है।


वैसे तो पिछले एक महीने में घरेलू बाजार में लगभग सभी प्रकार के खाद्य तेलों की कीमतों में 25 फीसदी की कमी आई है जिससे वैश्विक स्तर पर कीमतों में आए दस फीसदी उछाल से कुछ राहत मिली हुई है। मूंगफली का तेल फिलहाल 67 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मिल रहा है जबकि नवंबर में इसकी कीमत 58 रुपये प्रति किलोग्राम थी।


जबकि रिफाइंड सोयाबीन तेल की कीमत नवंबर के 50 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर से बढ़कर 59.50 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह सरसों का तेल 51.10 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 56.10 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। रिफाइंड पामोलिन ऑयल की कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 55.80 रुपये हो गई है जबकि रिफाइंड सूरजमुखी का तेल 63 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।

First Published - April 19, 2008 | 12:03 AM IST

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