चाय की उत्पादकता बढ़ाने की ओर कदम अग्रसर करते हुए भारतीय चाय बोर्ड और इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट (आईआईपीएम) देश के 12 जिलों में ‘टी प्लांटर्स प्रोडक्टिविटी काउंसिल’ (टीपीसी) की स्थापना करेगा।
भारतीय चाय बोर्ड के अध्यक्ष बासुदेव बनर्जी ने कहा कि टीपीसी का लक्ष्य चाय उद्योग के सबसे उम्दा तरीकों को उत्पादकों तक पहुंचाने के साथ-साथ मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देना होगा।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत चाय उद्योग के मानव संसाधन विभाग के लिए 50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, जिसमें से 37.50 करोड़ रुपये चाय के बागानों में कार्यरत कर्मचारियों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च किए जाएंगे और 12.50 करोड़ रुपये उनके प्रशिक्षण में लगाए जाएंगे। इसमें से 60 प्रतिशत राशि कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर और 40 प्रतिशत प्रबंधन पर खर्च किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त चाय बोर्ड सिलिगुड़ी और कोलकाता में टी पार्क बनाने की योजना बना रहा है। इस साल बोर्ड ने 2,050 लाख किलोग्राम चाय निर्यात करने का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 1,890 लाख किलोग्राम था। बनर्जी ने कहा, ‘हम कम से कम 2,000 लाख किलोग्राम के निर्यात का लक्ष्य हासिल करने का अनुमान करते हैं।’
सरकार ईरान और मिस्र में सीटीसी चाय के निर्यात को बढ़ावा दे रही है। इस संदर्भ में भारतीय प्रतिनिधि मंडल भी ईरान जाने वाला है। प्रतिनिधि मंडल में निर्यातक भी शामिल होंगे। सरकार को आशा है कि ईरान को 110 लाख किलो और मिस्र को 150 लाख किलो चाय का निर्यात हो सकेगा।