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बाजार का हाल

Last Updated- December 05, 2022 | 5:24 PM IST

चने में नरमी के आसार


मुद्रास्फीति की ऊंची दर और कई वस्तुओं के वायदा कारोबार में सरकार के संभावित हस्तक्षेप की संभावना के मद्देनजर पिछले हफ्ते चना वायदा में काफी उतारचढ़ाव रहा।


वैसे शुरुआती दौर में यानी सप्ताह की शुरुआत में इसमें तेजी का रुख था, पर यह कायम नहीं रह पाया। खबरों के मुताबिक बारिश के कारण तमिलनाडु में उड़द और मूंग की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है। इसी वजह से एक समय चना 2900 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गया था। कमोडिटी विशेषज्ञों का कहना है कि इस हफ्ते चने में नरमी का रुख जारी रहेगा और अंतत: इसकी कीमत इस बार पर निर्भर करेगी कि मल्टीनैशनल कंपनियां चने की कितनी खरीद करती हैं।


उनका कहना है कि कारोबार की शुरुआत में इसमें 30-40 रुपये प्रति क्विंटल की नरमी आ सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर एक बार फिर खरीदारी शुरू हो सकती है और इससे बाजार में गरमी आ सकती है। इस साल चने की पैदावार 46-48 लाख टन रह सकती है जबकि पहले 58 लाख टन का अनुमान लगाया गया था। राजस्थान से इसकी आवक शुरू हो गई है और मध्य अप्रैल तक इसके जोर पकड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।


कमोडिटी विशेषज्ञों के मुताबिक मई वायदा के लिए चने का सपोर्ट लेवल 2826 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि इसके 2982 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहने की संभावना है। नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एकक्सचेंज में चना वायदा पिछले हफ्ते 2835 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।


जौ में मजबूती


जौ की आवक अभी हालांकि शुरुआती अवस्था में है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही मांग के चलते पिछले हफ्ते इसकी कीमत में उछाल जारी रहा। कमोडिटी विशेषज्ञों के मुताबिक, जब आने वाले दिनों में जौ की आवक रफ्तार पकड़ेगी तो निश्चित रूप से इसकी कीमत में गिरावट दर्ज की जाएगी।


हालांकि जौ के मुख्य उत्पादक राज्य राजस्थान स्थित एक व्यापारी ने बताया कि ऊंची मांग और ज्यादा खरीदार के चलते जौ की कीमत का रुख पलट सकता है क्योंकि इस दौरान सप्लाई में भी बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। फिलहाल जौ की आवक करीब 50 हजार बैग (80 किलो प्रति बैग) है। जौ का मुख्य डिलिवरी सेंटर जयपुर में जौ की नकदी कीमत शनिवार को 1150 रुपये प्रति क्विंटल थी जबकि नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में जौ वायदा 1166 रुपये पर बंद हुआ।


इस साल 16 लाख टन जौ की पैदावार की उम्मीद है जबकि पिछले साल यह 13 लाख टन के स्तर पर था। पिछले हफ्ते जौ की कीमत में उबाल देखा गया था जब वायदा बाजार में यह 1100 रुपये प्रति क्विंटल के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार करते हुए 1200 रुपये प्रति क्विंटल को छूने को बेताब लग रहा था। व्यापारियों के मुताबिक, जौ की मांग को देखते हुए आने वाले महीने में इसकी कीमत करीब 100 रुपये प्रति क्विंटल और बढ़ेगी।


हालांकि विशेषज्ञ इस बार से सहमत नहीं दिख रहे। उनका कहना है कि आवक के दबाव से निश्चित रूप से जौ की कीमत में गिरावट दर्ज की जाएगी। विदेशी बाजार मुख्यत: पश्चिमी एशियाई देशों से जौ की मांग फिलहाल अच्छी है और कांडला बंदरगाह से इसकी लदान जारी है।

First Published - March 31, 2008 | 12:59 AM IST

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