महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैंकों को एक बार फिर स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि बैंकों को किसानों को कृषि ऋण देने के लिए सिबिल स्कोर की शर्त नहीं लगानी चाहिए। सिबिल शर्त की बाध्यता से किसानों को ऋण नहीं मिल पाता है, जिससे कृषि उत्पादन प्रभावित होता है । जिसका अर्थव्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है। किसानों की आत्महत्या की घटनाएं भी बढ़ती हैं
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 167 वीं बैठक में मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि यदि कोई बैंक शाखा सिबिल रिपोर्ट की मांग करती है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भी इस आदेश की अवहेलना करने वाली शाखाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। सरकार पहले भी इस संबंध में सख्त निर्देश दे चुकी है। अब बैंकों को जिम्मेदारी से कार्य करना होगा । भारतीय रिजर्व बैंक ने भी साफ किया है कि कृषि ऋण के मामलों में सिबिल स्कोर पर जोर देने वाले बैंक शाखाओं पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बैंकों से आग्रह किया कि वे वर्ष 2025-26 के लिए तय कृषि ऋण लक्ष्य को पूरा करें।
44.76 लाख करोड़ की योजना को मंजूरी
इस बैठक में महाराष्ट्र के लिए 44.76 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक ऋण योजना को स्वीकृति दी गई। फडणवीस ने राज्य की कृषि प्रधान भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि किसान राज्य की रीढ़ हैं और कृषि अर्थव्यवस्था का केंद्रबिंदु हैं । उन्होंने कहा कि मौसम विभाग द्वारा अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे फसलें बेहतर होंगी । ऐसे में बैंकों को किसानों को अधिक से अधिक ऋण और सहायता प्रदान करनी चाहिए, क्योंकि कृषि का विकास सीधे तौर पर बैंकों और किसानों दोनों के हित में है ।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लागू की जा रही है, जिसमें बैंकों की अहम भूमिका होगी । इस क्षेत्र के लिए 5,000 करोड़ रुपये का वार्षिक निवेश लक्ष्य तय किया गया है । कृषि अब सहायक नहीं, बल्कि व्यावसायिक क्षेत्र बन चुका है, जिसमें बैंकों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है.
कृषि को बिजनेस के रूप में विकसित करें
मुख्यमंत्री ने बैंकों से कहा कि वे कृषि को केवल पुनर्वासात्मक क्षेत्र न मानें, बल्कि उसे एक व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखें। इस क्षेत्र में निवेश से बैंकों को भी लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, अच्छा काम करने वाले अधिकारियों और शाखाओं को सम्मानित करने की नीति अपनाने तथा लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी उन्होंने दिए। महाराष्ट्र अब अर्ध-ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बन चुका है और अब एक ट्रिलियन डॉलर की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। बैंकों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। दावोस से राज्य में 16 लाख करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आ चुकी है और महाराष्ट्र स्टार्टअप की राजधानी बन चुका है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के क्षेत्र में भी महाराष्ट्र अग्रणी राज्य है, और इसमें निवेश के बड़े अवसर हैं। उन्होंने बैंकों से कहा कि वे महिला उद्यमियों को ऋण देने में प्राथमिकता दें और सरकारी योजनाओं का लाभ एमएसएमई क्षेत्र तक पहुंचाने में सक्रिय भागीदारी करें। फडणवीस ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में कृषि उत्पादक कंपनियां हैं, जो कृषि क्षेत्र को आगे ले जाने में मदद कर सकती हैं। गडचिरोली जैसे पिछड़े जिलों में बैंकों से विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया, जहां नए उद्योग विकसित हो रहे हैं।
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