अमेरिकी वित्तीय संकट की वजह से दुनिया भर के गिरते शेयर बाजार में गनीमत है कि सोना बिल्कुल खरा है और कमोडिटी बाजार अपनी चमक बनाए हुए है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती और रुपये में कमजोरी केचलते बुधवार को कारोबार के दौरान सोने की कीमत 14 हजार के स्तर को पार कर गई। दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना अब तक के सर्वोच्च स्तर 13850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इस तरह सोने में 450 रुपये का उछाल दर्ज किया गया।
15 जुलाई को सोना 13650 रुपये प्रति 10 ग्राम के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। दूसरी ओर, एमसीएक्स में बुधवार को कुल 12042.88 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ जबकि एक दिन पहले 9297.38 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था।
एमसीएक्स का आंकड़ा बताता है कि शेयर बाजार में हाथ जला चुके निवेशकों ने कमोडिटी बाजार का रुख किया है। ऐसे में निवेशकों के लिए कमोडिटी बाजार का रास्ता उन मंजिलों की ओर तो ले ही जा सकता है जहां न सिर्फ उनका निवेश बचा रहे बल्कि मोटा मुनाफा न सही, ठीक-ठाक रिटर्न तो मिल ही सकता है।
कार्वी कॉमट्रेड के वाइस प्रेजिडेंट अशोक मित्तल के मुताबिक, मौजूदा माहौल में सोने और चांदी में निवेश बिल्कुल सटीक फैसला साबित हो सकता है क्योंकि कुछ भी हो इन धातुओं की वैल्यू बनी रहती है। उन्होंने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट आती है तो विभिन्न मुद्राओं के भाव कमजोरी की चादर लपेट लेते हैं।
कच्चा तेल और अन्य धातुओं की मांग ढीली पड़ जाती है। ऐसे में न सिर्फ इनकी कीमत गिरती है बल्कि वहां निवेशक अपने हाथ खड़े कर देते हैं। क्या ऐसे वक्त में कृषि जिंसों में निवेश किया जा सकता है, इस सवाल के जवाब में मित्तल कहते हैं – इन चीजों की कीमतें बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है, इसलिए मौजूदा माहौल में इनमें निवेश उचित नहीं होगा।
बाजार के जानकारों ने यह भी बताया कि शेयर बाजार में हाथ जला चुके निवेशकों ने अपना नुकसान कम करने के लिए कीमती धातुओं का रुख किया और इस वजह से सोने में उफान आया। हालांकि इस स्तर पर त्योहारी सीजन की खरीदारी लगभग बंद रही। एक डीलर ने बताया कि इस स्तर पर शायद ही कोई ग्राहक सोना खरीदने की हिम्मत करे।
बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया छह साल के निम्नतम स्तर पर आ गया, इस वजह से बाजार में सोना काफी महंगा हो गया क्योंकि इस धातु का आयात किया जाता है और इसका भुगतान डॉलर में होता है। लंदन में सोने में 15.43 डॉलर प्रति आउंस का उछाल आया और यह 902.53 डॉलर प्रति आउंस पर आ पहुंचा।
एमसीएक्स में अप्रैल 2009 का कॉन्ट्रैक्ट 405 रुपये यानी 2.95 फीसदी के उछाल के साथ 14133 रुपये के रेकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। दिसंबर और फरवरी कॉन्ट्रैक्ट में क्रमश: 174 रुपये और 183 रुपये की बढ़त रही।
बुधवार को एमसीएक्स में निकल, तांबा और जिंक में क्रमश: 3.18 फीसदी, 1.59 फीसदी और 1.69 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। उधर, मेंथा ऑयल, इलायची, कच्चा पाम तेल में भी फिसलन रही जबकि कच्चे तेल का रुख मिला-जुला रहा। कॉमडेक्स, एनर्जी और मेटल इंडेक्स में बढ़त दर्ज की गई जबकि एग्री इंडेक्स 0.45 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ।
14 हजार रुपये के स्तर को पार कर गई सोने की कीमत
आया 450 रुपये का उछाल
एमसीएक्स के कारोबार में भी आया उछाल
एक दिन पहले हुए 9297 करोड़ रुपये की तुलना में बुधवार को हुआ 12042 करोड़ रुपये का कारोबार
रिकॉर्ड स्तर पर कॉन्ट्रैक्ट