निर्माण क्षेत्र में बढ़ती मांग को भारत के निजी क्षेत्र के स्पेशलाइज्ड स्टील उत्पादकों ने अपने उत्पादों के बिक्री मूल्य में 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी सभी श्रेणियों में की गई है।
गैल्वनाइज्ड स्टील के भारत के प्रमुख विनिर्माता और निर्यातक उत्तम गैल्वा ने अपने जिंक गैल्वनाइज्ड स्टील उत्पादों की कीमतें 750 रुपये प्रति टन बढ़ा दी है। कंपनी अपने अन्य उत्पादों के दाम बढ़ाने की भी योजना बना रही है, जिसमें कलर कोटेड स्टील और कोल्ड रोल्ड उत्पाद शामिल हैं। इसमें कंपनी 1000 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी पर विचार कर रही है।
उत्तम गैल्वा स्टील के निदेशक अंकित मिगलानी ने कहा, ‘घरेलू उत्पादों ने अपनी उत्पादन क्षमता 100 प्रतिशत तक नहीं हासिल की है और बढ़ती हुई मांग को देखते हुए कीमतें बढ़ाने का मौका मिल रहा है। बहरहाल हमने कलर कोटेड स्टील और कोल्ड रोल्ड स्टील उत्पादों की कीमतों को बढ़ाने के बारे में कोई निश्चित फैसला नहीं किया है।’
इस्पात इंडस्ट्रीज के मुख्य वित्त अधिकारी अनिल सुरेखा ने इस बात की पुष्टि की है कि गैल्वनाइज्ड स्टील के उत्पादकों ने कीमतों में 2-3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। हालांकि उन्होंने प्राथमिक स्टील उत्पादकों द्वारा कीमतों में किसी बढ़ोतरी की संभावना को यह कहते हुए खारिज किया कि रूस, यूक्रेन आदि देशों से बड़ी मात्रा में सस्ती सामग्री का आयात किया गया है।
इस्पात इंडस्ट्रीज की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी ने अपने सभी उत्पादों की कीमतों में 1000 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी की है, जो 1 अप्रैल से प्रभावी होगा। लेकिन कंपनी के निदेशक (मार्के टिंग) विनोद गर्ग ने इस तरह के किसी भी कदम के उठाए जाने से इनकार किया है।
कीमतों में बढ़ोतरी से स्पष्ट रूप से यह संकेत मिल रहा है कि देश की आर्थिक स्थिति में बदलाव आ रहा है और अन्य क्षेत्र फिर से अपनी लय में वापस लौट रहे हैं। लीमन ब्रदर्स के अगस्त 2008 में धराशायी होने के बाद से भारत सहित वैश्विक स्टील कंपनियों ने अपना उत्पादन 25-30 प्रतिशत तक घटा दिया था, क्योंकि इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में मांग घट गई थी।
लेकिन कीमतों में बढ़ोतरी से यह संकेत मिल रहा है कि खासकर लंबी स्टील उत्पादों की मांग निर्माण क्षेत्र में बढ़ रही है। एस्सार स्टील के प्रवक्ता ने कहा कि एचआर क्वायल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। जेएसडब्ल्यू स्टील ने चौथी तिमाही में स्टील के उत्पादन में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की।
उसने भी किसी भी तरह की कीमत वृध्दि से इनकार किया है। जेएसडब्ल्यू समूह के मुख्य वित्त अधिकारी शेषगिरि राव ने कहा कि हालांकि घरेलू मांग में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन जेएसडब्ल्यू स्टील ने स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी के बारे में नहीं विचार किया है। उन्होंने कीमतों के वर्तमान स्तर में किसी तरह की कमी करने से भी इनकार किया है।
उधर टाटा स्टील के एक अधिकारी ने कहा, ‘कई महीनों की मंदी के बाद स्टील की मांग बढ़ी है। हम इस समय अपने उत्पादों के भंडार को खत्म करने में लगे हैं, जो मांग कम होने के दौर में जमा हो गया था। बहरहाल कंपनी कीमतों में बढ़ोतरी के बारे में विचार नहीं कर रही है। हमें उम्मीद है कि कुछ समय बाद बाजार में स्थिरता आ जाएगी।’
टाटा स्टील का उत्पादन वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान 11 प्रतिशत बढ़कर 53 लाख टन हो गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 55 लाख टन स्टील का उत्पादन हुआ था।