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गेहूं की आवक घटने से कीमतों में उछाल, जानकारों का अनुमान…अभी और बढ़ेंगे दाम

जानकारों का कहना है कि सरकार की तरफ से अपने भंडार से खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू नहीं करने तक कीमतों में तेजी जारी रहेगी।

Last Updated- November 07, 2024 | 6:21 PM IST
wheat stock limit

wheat price: गेहूं के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। इसकी वजह आवक में कमी होना माना जा रहा है। साथ ही गेहूं मांग मजबूत होने से इसके भाव बढ़ने को सहारा मिल रहा है। कारोबारियों का कहना है कि अगर सरकार जल्द खुले बाजार में गेहूं की बिक्री नहीं की तो भाव और चढ़ सकते हैं।

हाल ही में सरकार ने गेहूं की कीमतों में तेजी को देखते हुए इसके भाव नियंत्रित करने के लिए 30 रुपये किलो के रियायती भाव पर आटा की बिक्री शुरू की है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस समय देश भर के खुदरा बाजार में आटा की औसत खुदरा कीमत 36.95 रुपये किलो है।

कितना महंगा हुआ गेहूं ?

महीने भर से गेहूं के दाम धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गेहूं के भाव बढ़कर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच चुके हैं। पिछले एक महीने में इसकी कीमतों में 150 से 200 रुपये क्विंटल की तेजी आ चुकी हैं।

इस साल गेहूं की कीमतों में करीब 13 फीसदी इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी में गेहूं 2,800 रुपये क्विंटल बिक रहा है। 15 दिन में ही भाव 60 से 80 रुपये क्विंटल चढ़ चुके हैं।

गेहूं की कीमतों में क्यों आ रही है तेजी?

जानकारों के मुताबिक गेहूं की कीमतों में तेजी आने की प्रमुख वजह मंडियों में इसकी आवक में कमी आना है। उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी में गेहूं कारोबारी संजीव अग्रवाल ने बताया कि अब धान की आवक शुरु हो चुकी है और गेहूं की बोआई भी होने लगी है। ऐसे में मंडियों में गेहूं की आवक कमजोर पड़ गई है। पिछले महीने मंडी में करीब 5,000 क्विंटल गेहूं की आवक हो रही थी। अब यह आंकड़ा गिरकर 2 से 3 हजार रह गया है।

कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि आवक घटने से गेहूं के दाम बढ़ रहे हैं। पिछले एक महीने के दौरान मंडियों में करीब 9.15 लाख टन गेहूं की आवक हुई है, जो पिछले साल इसी अवधि में हुई 11.35 लाख टन आवक से 20 फीसदी कम है। आवक में कमी के साथ ही गेहूं की मांग मजबूत बनी हुई है। इससे भी गेहूं की कीमतों में तेजी को सहारा मिला है।

भविष्य में गेहूं के दाम क्या रहने वाले हैं?

बाजार जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में गेहूं के दाम कम होने की संभावना कम है। अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने नेफेड के माध्यम से रियायती भाव पर आटा बेचने की शुरुआत कर गेहूं के दाम पर अंकुश लगाने की कोशिश जरूर की है। लेकिन इससे दाम नीचे नहीं आने वाले हैं। आने वाले दिनों में गेहूं की कीमतों में 100 से 150 रुपये क्विंटल की तेजी आ सकती है।

पॉल कहते हैं कि गेहूं के दाम तब तक नीचे नहीं आएंगे, जब तक सरकार बड़े स्तर पर अपने भंडार से खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरु नहीं करती है।

First Published - November 7, 2024 | 6:21 PM IST

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