कोलकाता और मुंबई की गलियों के किराना दुकानदार अपनी दुकान में पड़े सामान की बिक्री अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर जारी रखेंगे। सरकार द्वारा 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत कर ढांचे को हटाए जाने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में आई कमी के बाद खुदरा विक्रेता कम दाम के साथ नए उत्पादों का स्टोर तक पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं।
मुंबई के बाहरी इलाकों में एकल सुपरमार्केट स्टोर मौजूदा एमआरपी पर स्टॉक की बिक्री जारी रखे हुए हैं और घटी कीमत पर सामान बेचने का उनका कोई इरादा नहीं है, क्योंकि पुरानी कीमतों पर वस्तुओं के बिल का भुगतान किया है। एक दुकानदार ने कहा, ‘पहले मैं पुराने स्टॉक खत्म करूंगा, जो मेरे पास पड़ा है। जब नए एमएसपी पर स्टॉक आ जाएगा तो उसकी बिक्री घटे एमआरपी पर करूंगा।’
दक्षिण कोलकाता में सदर्न एवेन्यू के आस-पास के स्टोर ग्राहकों को संशोधन के पहले की जीएसटी दरों पर बिल भेज रहे हैं, जो पुराना स्टॉक खत्म होने तक जारी रहेगा। दुकानदारों का कहना है कि उनके पास कम स्टॉक है। लेकिन समस्या यह है कि दुर्गा पूजा से पहले नया स्टॉक आने की संभावना नहीं है। फूला स्टोर्स के कमल किशोर गुप्त ने कहा, ‘ग्राहक बदले हुए दाम पर सामान खोज रहे हैं। देखते हैं कि कल क्या होता है।’
कृष्णा स्टोर्स के नारायण चंद्र मालाकार ने कहा, ‘दुर्गा पूजा के कुछ ही दिन दूर होने पर कंपनियों द्वारा सामान की डिलिवरी की संभावना बहुत कम है। हमें उम्मीद है कि नया स्टॉक 3 अक्टूबर को ही आएगा।’ दिल्ली-एनसीआर के खुदरा विक्रेता नए एमआरपी पर स्टॉक का इंतजार कर रहे हैं, जिसकी घोषणा एफएमसीजी फर्मों ने की है। तमाम दुकानदार पुराना स्टॉक निकालने के लिए भारी छूट दे रहे हैं।
भारत की ई-कॉमर्स कंपनियों ने शॉपिंग सीजन से पहले देश के सरलीकृत द्वि-स्तरीय जीएसटी ढांचे के लिए तकनीकी तैयारियां पूरी कर ली हैं।