facebookmetapixel
भारत-चीन सीमा पर रेलवे नेटवर्क होगा मजबूत, 500 किमी नई रेल लाइन प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 300 अरब रुपयेनिवेशकों को मिलेगा 156% रिटर्न! सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2019-20 सीरीज-X पर RBI ने तय की नई रिडेम्पशन कीमतSBI ने ऑटो स्वीप की सीमा बढ़ाकर ₹50,000 कर दी है: ग्राहकों के लिए इसका क्या मतलब है?India’s Retail Inflation: अगस्त में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 2.07% पर, खाने-पीने की कीमतों में तेजी से बढ़ा दबावBank vs Fintech: कहां मिलेगा सस्ता और आसान क्विक लोन? समझें पूरा नफा-नुकसानचीनी कर्मचारियों की वापसी के बावजूद भारत में Foxconn के कामकाज पर नहीं होगा बड़ा असरGST कट के बाद दौड़ेगा ये लॉजि​स्टिक स्टॉक! मोतीलाल ओसवाल ने 29% अपसाइड के लिए दी BUY की सलाह₹30,000 करोड़ का बड़ा ऑर्डर! Realty Stock पर निवेशक टूट पड़े, 4.5% उछला शेयरG-7 पर ट्रंप बना रहे दबाव, रूसी तेल खरीद को लेकर भारत-चीन पर लगाए ज्यादा टैरिफ10 मिनट डिलीवरी में क्या Amazon दे पाएगी Blinkit, Swiggy को टक्कर? जानें ब्रोकरेज की राय

सोने में उछाल

Last Updated- December 05, 2022 | 4:32 PM IST

कच्चे तेल में तेजी और दुनिया की दूसरी मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के चलते गुरुवार को सोने की कीमत में बढ़ोतरी दर्ज की गई और हाल ही में बनाए अपने रेकॉर्ड के आसपास पहुंच गया।


 कच्चा तेल अपने सर्वोच्च स्तर यानी 110 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गया है।


बुधवार देर रात न्यू यॉर्क में सोना 986.40 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंच गया था और बताया जाता है कि यह तेजी जापानी सटोरियों द्वारा की गई खरीदारी की बदौलत आई थी। गौरतलब है कि 6 मार्च को सोने ने 991.90 डॉलर के रेकॉर्ड को छुआ था।


हांगकांग स्थित बैंक ऑफ चाइना में डीलर ने कहा – कमजोर डॉलर और कच्चे तेल की ऊंची कीमत पर बाजार की नजरें टिकी हुई हैं और इसी वजह से सोने को अच्छा खासा समर्थन मिला है।


 उन्होंने कहा कि हाल में सोना 964 डॉलर प्रति आउंस के स्तर तक नीचे चला गया था।


हालांकि उन्होंने कहा कि 975 डॉलर के आसपास सोने को समर्थन मिलेगा, लेकिन यह 994-995 डॉलर प्रति आउंस केलेवल के उच्चस्तर को एक बार फिर जरूर टेस्ट करेगा।


अन्य धातुओं में भी इस दौरान तेजी आई, लेकिन ये सभी अपने-अपने उच्चस्तर से नीचे देखे गए।


2008 में अब तक सोने में 19 फीसदी की तेजी आई है जबकि 2007 के दौरान इसमें 32 फीसदी की तेजी देखी गई थी।


2008 में आई तेजी दरअसल ऊर्जा लागत में हो रही बढ़ोतरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के चलते है। निवेशक इस सेक्टर को निवेश का एक अच्छा जरिया मान रहे हैं।


डीलरों को पूरी उम्मीद है कि सोना एक हजार डॉलर को पार कर जाएगा, लेकिन जूलर्स द्वारा उस हिसाब से खरीदारी नहीं हो रही है, इसलिए सोना वहां तक नहीं  पहुंच पाया है।


 हालांकि 995 डॉलर प्रति आउंस पर इसके टिके रहने के आसार जताए जा रहे हैं। बढ़ती कीमतों के चलते जूलर्स सोने के नकदी बाजार से


फिलहाल दूर हैं, लेकिन जापानी डीलर के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर से सोने की मांग निकल रही है।


 प्लग और शॉकेट में गोल्ड प्लेटेड कनेक्टर लगाने का चलन है और सेमिकंडक्टर के पाट्र्स मसलन ट्रांजिस्टर को जोड़ने में भी इस धातु का अच्छा खासा इस्तेमाल होता है।


तोक्यो स्थित एक डीलर ने बताया कि आम लोग अभी सोना नहीं बेचना चाहेंगे क्योंकि इसकी कीमत निश्चित रूप से एक हजार डॉलर पर पहुंचेगी, लेकिन इंडस्ट्री की ओर से सोने की सीमित मांग है।

First Published - March 13, 2008 | 5:57 PM IST

संबंधित पोस्ट