डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल में गिरावट आने से बहुमूल्य धातुओं के प्रति निवेशकों के घटे रुझान का असर रहा कि मंगलवार को सोने की कीमत 61.65 डॉलर यानी 7 फीसदी लुढ़क कर 804.15 डॉलर प्रति औंस पर आ गयी।
यही नहीं चांदी और प्लैटिनम की कीमतों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। विश्लेषकों के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमत के घटकर 14 हफ्ते के न्यूनतम स्तर 113 डॉलर प्रति बैरल तक आने से निवेशकों का सोने-चांदी के प्रति आकर्षण घटा है। इससे सोने का भाव 21 दिसंबर 2007 के बाद सबसे कम स्तर पर आ चुका है।
मार्च में प्रति औंस सोने की कीमत 1,032.70 डॉलर प्रति औंस हुआ करती थी पर अब इसकी कीमत में 228 डॉलर से ज्यादा की कमी हो चुकी है। वैसे यूरो की तुलना में डॉलर साढ़े पांच महीने की सबसे मजबूत स्तर पर चल रहा है। प्लैटिनम की कीमतों में भी 3.4 फीसदी और चांदी में 4.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
कारोबारियों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने में हुई कमी का असर घरेलू बाजारों में भी देखने को मिला। यहां थोक कारोबारियों की ओर से भारी बिकवाली से सोना 11,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। मार्च से अब तक सोने में कुल 22 फीसदी की कमी हो चुकी है। कुछ जानकारों की धारणा है कि आने वाले सत्रों में सोना 800 डॉलर प्रति औंस से भी नीचे जा सकता है।
उधर न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज के कॉमैक्स डिवीजन में सोने में 1.6 फीसदी की कमी हुई और यह 816.30 डॉलर तक चला गया। शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज में दिसंबर डिलीवरी वाले सोने में 5 फीसदी की कमी हुई और 828 डॉलर प्रति औंस तक चला गया।
9 जनवरी जब से सोने का वायदा कारोबार शरू हुआ है तब से एक्सचेंज में सबसे सक्रि य अनुबंध का सबसे कम स्तर है। हालांकि जानकारों ने स्पष्ट किया कि सामान्यत: चीन में सोने की कीमत दूसरे जगहों से ज्यादा होती है।