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Gold को मिला US Fed का साथ, भाव रिकॉर्ड हाई पर, आगे और तेजी की संभावना

घरेलू बाजार में अगले दो महीने में कीमतों के 62,500 के लेवल तक जाने की संभावना है।

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अजीत कुमार
Last Updated- May 06, 2023 | 11:26 PM IST

Gold Prices at All-Time High : यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की तरफ से ब्याज दरों में आगे और बढ़ोतरी नहीं करने का संकेत दिए जाने के बाद घरेलू बाजार में सोने (gold) की कीमतों ने आज यानी गुरुवार को  नया रिकॉर्ड बनाया।

घरेलू बाजार में आज एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क जून कॉन्ट्रैक्ट बढ़कर 61,845 रुपये प्रति 10 ग्राम के न्यू ऑल टाइम हाई (new all-time high) पर पहुंच गया। इससे पहले पिछले महीने 13 अप्रैल को सोने ने 61,371 रुपये का हाई बनाया था।

MCX पर सोने की कीमतों  में  बदलाव: 
1 सप्ताह : +2.52%
1 महीना : +0.91%
इस साल अब तक (YTD) : +11.62%
1 साल : +20.65%
3 साल : +34.23%

हाजिर (स्पॉट) बाजार में भी आज सोने की कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार सोना 24 कैरेट (999) आज 602 रुपये की मजबूती के साथ 61,646 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर देखा गया।

अंतरराष्ट्रीय मार्केट (global market) में भी सोने की कीमत फिलहाल रिकॉर्ड हाई के बिल्कुल करीब है। स्पॉट गोल्ड (spot gold) आज यानी गुरुवार के कारोबार में बढ़कर 2,072.19 डॉलर प्रति औंस की ऊंचाई तक चला गया। जो इसके ऑल टाइम हाई 2,072.49 के कमोबेश बराबर है। स्पॉट गोल्ड ने 2,072.49 का ऑल टाइम हाई 2020 में बनाया था। इसी तरह यूएस गोल्ड फ्यूचर्स बढ़कर 2,085.40 की ऊंचाई तक जा पहुंचा। जबकि अगस्त 2020 में इसने 2,089.2 का रिकॉर्ड हाई बनाया था।

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इस कैलेंडर वर्ष में अब तक (YTD) सोने की घरेलू और वैश्विक कीमतों में 12 फीसदी  का इजाफा हुआ है।

यूएस फेडरल रिजर्व ने दो दिन की मीटिंग के बाद बुधवार को ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया लेकिन इस बात के संकेत भी दिए कि मौजूदा आर्थिक स्थितियों को देखते हुए शायद आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी से बचा जाए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक की तरफ से आए इस संकेत के बाद यूएस डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) और यूएस बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड (US Benchmark Bond Yield) में तेज गिरावट आई है। परिणामस्वरूप सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों लेवल पर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।

गोल्ड पर कोई ब्याज/यील्ड नहीं मिलता इसलिए अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट से सोना निवेश के दृष्टिकोण से ज्यादा आकर्षक हो जाता है और येलो मेटल (yellow metal) की कीमतों में तेजी आती है। वहीं डॉलर में कमजोरी अन्य करेंसी में गोल्ड की कीमत को बढ़ा देती है।

10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड पर यील्ड फिलहाल 9 बेसिस प्वाइंट कमजोर होकर 3.34 फीसदी पर है। इस कैलेंडर वर्ष इसमें तकरीबन 54 फीसदी की गिरावट आई है। ठीक छह महीने पहले यह 4 फीसदी से ऊपर चला गया था।  यूएस डॉलर इंडेक्स में भी फिलहाल 0.26 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है। वर्ष 2023 में डॉलर इंडेक्स अब तक 2.35 फीसदी कमजोर हुआ है जिस वजह से सोना सहित अन्य dollar denominated कमोडिटी की कीमतों को सपोर्ट मिला है।

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केडिया एडवाइजरी के एमडी अजय केडिया के मुताबिक ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर फेडरल रिजर्व के नरम रुख ने सोने की कीमतों के लिए तेजी का रास्ता तैयार किया है। क्योंकि फिलहाल डॉलर इंडेक्स और यूएस बॉन्ड यील्ड दोनों दबाव में हैं। इस तेजी के दौर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें बढ़कर नियर-टर्म में 2,115 डॉलर प्रति औंस की ऊंचाई तक जा सकती है, जबकि घरेलू बाजार में अगले दो महीने में कीमतों के 62,500 के लेवल तक जाने की संभावना है।

ग्लोबल लेवल पर महंगाई दर के ऊंची रहने और वैश्विक अर्थव्यवस्था (global economy)  में अनिश्चितता की वजह से भी बतौर ‘सुरक्षित विकल्प’ सोने को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं भू-राजनीतिक तनाव (geo-political tensions) और अमेरिका और यूरोप में जारी मौजूदा बैंक संकट ने इस अनिश्चितता को बढ़ाकर बतौर सेफ हेवन (safe-haven) एसेट निवेशकों के लिए सोने की चमक को बढ़ाया है।

जानकारों के मुताबिक भारत सहित विश्व के अन्य केंद्रीय बैंकों (central banks) की तरफ से सोने की खरीद में तेजी से भी कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोने की मांग 2022 में दोगुनी से अधिक बढ़कर 1,136 टन हो गई, जो एक साल पहले 450 टन थी। पिछले 55 साल में केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोने की इतनी मांग नहीं देखने को मिली थी।

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WGC के एक ताजा आंकड़े यह भी बताते हैं कि सोने की खरीदारी के मामले में भारत मार्च तिमाही के दौरान रूस, सिंगापुर, चीन और तुर्किये के साथ दुनिया के टॉप 5 देशों में रहा। मार्च तिमाही में भारत की तरफ से 10 टन गोल्ड की खरीदारी की गई। इससे पहले 2022 में अप्रैल और दिसंबर के बीच 27 टन गोल्ड की खरीदारी की गई थी। फरवरी 2023 के अंत तक भारत का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 790.2 टन तक जा पहुंचा। जो 2018 में महज 560.3 टन था। गोल्ड रिजर्व के मामले में भारत का दुनिया में 10वां स्थान है।

अगर भारत में रुपया डॉलर की तुलना में कमजोर होता है तो घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में तेजी अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले ज्यादा रह सकती है, क्योंकि भारतीय रुपये में कमजोरी से सोना आयात करना और महंगा हो जाता है।

First Published : May 4, 2023 | 11:07 AM IST