facebookmetapixel
मुंबई में 14 साल में सबसे अधिक संपत्ति रजिस्ट्रेशन, 2025 में 1.5 लाख से ज्यादा यूनिट्स दर्जसर्वे का खुलासा: डर के कारण अमेरिका में 27% प्रवासी, ग्रीन कार्ड धारक भी यात्रा से दूरBank Holiday: 31 दिसंबर और 1 जनवरी को जानें कहां-कहां बंद रहेंगे बैंक; चेक करें हॉलिडे लिस्टStock Market Holiday New Year 2026: निवेशकों के लिए जरूरी खबर, क्या 1 जनवरी को NSE और BSE बंद रहेंगे? जानेंNew Year Eve: Swiggy, Zomato से आज नहीं कर सकेंगे ऑर्डर? 1.5 लाख डिलीवरी वर्कर्स हड़ताल परGold silver price today: साल के अंतिम दिन मुनाफावसूली से लुढ़के सोना चांदी, चेक करें ताजा भाव2026 के लिए पोर्टफोलियो में रखें ये 3 ‘धुरंधर’ शेयर, Choice Broking ने बनाया टॉप पिकWeather Update Today: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, जनजीवन अस्त-व्यस्त; मौसम विभाग ने जारी की चेतावनीShare Market Update: बढ़त के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 200 अंक ऊपर; निफ्टी 26 हजार के पारStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजर

खाद्य तेल उत्पादक लगा रहे हैं सरकारी कोशिशों को पलीता

Last Updated- December 06, 2022 | 9:44 PM IST

मार्च में कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेल के आयात में कमी की करने के बावजूद उपभोक्ताओं को राहत मिलती नहीं दिख रही है।


खाद्य तेल बनाने वाली बड़ी कंपनियां कीमतें कम करती दिखाई नहीं दे रही हैं। दूसरी ओर खाद्य तेल के जाने माने ब्रांड बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि आयात शुल्क में कटौती के बाद उन्होंने कीमतों में 8 से 16 फीसदी तक की कटौती की है।


हालांकि हकीकत इसके ठीक उलट है। खुदरा बाजार में इन कंपनियों के ब्रांडेड खाद्य तेल की कीमतों में 15 से 18 फीसदी का इजाफा हुआ है।गौरतलब है कि सरकार तेजी से बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए पुरजोर कोशिशें कर रही है।


ऐसे में खाद्य तेल की बढ़ती कीमतें सरकार की कोशिशों को पलीता लगाने का काम कर रही हैं। खाद्य तेल रोजमर्रा के उपयोग वाली वस्तु है और इसकी बढ़ती कीमतें लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई ) में भी खाद्य तेल की 2.76 फीसदी हिस्सेदारी है। पिछले एक साल में खाद्य तेल की कीमतों में 25 फीसदी तक का उछाल आया है।


खाद्य तेल बनाने वाली प्रमुख कंपनी धारा के मूंगफली का तेल का भाव अप्रैल तक आते-आते 95 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया जबकि फरवरी में इसका भाव 95 रुपये प्रति किलोग्राम था। इससे यही बात सामने आती है कि महंगाई को रोकने की सरकारी कोशिशों में सहयोग नहीं कर रही हैं।


धारा वेजिटेबल ऑयल एंड फूड कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक एच सी विरमानी कहते हैं कि कंपनी ने अपने उत्पादों की कीमतों में 12 से 13 फीसदी तक की कटौती कमी की है। विरमानी का कहना है कि कंपनी ने मूंगफली और सूरजमुखी के तेल की कीमतों में जो कमी की है वो इसलिए नजर नहीं आ रही है क्योंकि बाजार में अभी पहले का स्टॉक ही बिक रहा है।


ठीक इसी तरह सरसों कच्ची घानी की कीमतों में काफी उछाल आया है। फरवरी में एक किलो कच्ची घानी की कीमत जहां 95 रुपये थी वहीं अब जाकर इसकी कीमत 113 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। जयपुर की एस के सोल्वेक्स जो ‘कच्ची घानी’ ब्रांड नाम से सरसों के तेल के उत्पादन से जुड़े हैं, इस पर प्रतिक्रिया करने के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए।


फॉर्चून ब्रांड की मालिक अडानी एंटरप्राइजेज ने सूरजमुखी के तेल की कीमतों में 5 रुपये प्रति किलो की कमी की है। फिलहाल यह 90 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बिक रहा है। रूचि सोया इंडस्ट्रीज ने अपने न्यूट्रेला सोया ऑयल और रूचि गोल्ड पाम ऑयल की कीमतों में 10 से 14 फीसदी की कटौती की है।


कीमतों पर मची अफरातफरी की बाबत के एस ऑयल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी संजय अग्रवाल कहते हैं कि एक उत्पादक होने के नाते हम कीमतों में धीरे-धीरे ही कटौती करेंगे।

First Published - May 6, 2008 | 11:54 PM IST

संबंधित पोस्ट