कोल्ड चेन (शीत शृंखला) के लिए भारी मात्रा में निवेश और अपने यहां भंडारण को आकर्षित करने के लिए अच्छी तरह से रणनीति तैयार करने की जरूरत ने इस कारोबार को मुश्किल बना दिया है। यह स्थिति इसके बावजूद है कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान से इसके बाजार को दम मिला है।
इस उद्योग से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि अगले कुछ वर्षों में फार्मा कोल्ड चेन 20 फीसदी सालाना चक्रवृद्घि दर (सीएजीआर) से और गैर-फार्मा खंड 15 फीसदी सीएजीआर से वृद्घि कर सकता है। हालांकि भारत में कोल्ड चेन उद्योग बिखरा हुआ है और इसमें कुछ ही ऐसी संगठित कंपनियां हैं जो फार्मा और गैर-फार्मा दोनों खंडों की जरूरतों जैसे कि मिष्ठान, फल और सब्जियां आदि का भंडारण कर रही हैं।
लॉजिस्टिक कारोबार के क्षेत्र में एक पुरानी कंपनी गति लिमिटेड ने अपने कोल्ड चेन कारोबार गति कौसर को मई में एक निजी इक्विटी कंपनी को बेच दिया। यह सौदा ऐसे समय पर हुआ जब कारोबार ने गति पकडऩी शुरू की थी।
स्नोमैन लॉजिस्टिक्स के मुख्य कार्याधिकारी सुनील नायर ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘अगले तीन से पांच के लिए कोल्ड चेन क्षमता को फार्मा और गैर-फार्मा दोनों खंडों में मांग की कमी से जूझना पड़ेगा क्योंकि पिछले चार से पांच साल में कई कंपनियां इस कारोबार से बाहर हुई हैं। निजी इक्विटी कंपनियां पांच वर्ष में अपना पैसा दोगुना करना चाहती हैं जो कि कोल्ड चेन कारोबार में संभव नहीं है।’
नायर के मुताबिक इस कारोबार की सफलता इसके पैमाने पर निर्भर करता है जो कि क्षमता में निवेश के जरिये ही संभव है। उन्होंने कहा, ‘इसे अच्छी तरह से बनाई गई रणनीति से हासिल किया जा सकता है जिसके तहत अतिरिक्त लागत को एक समयावधि में समायोजित करना होता है।’
फार्मा कोल्ड चेन लॉजिस्टक्स सेवा प्रदाता कूल-एक्स के निदेशक कुणाल अग्रवाल ने कहा, ‘सेवा पेशकशों के साथ इस खंड में तकनीक की जरूरत बहुत मजबूत है। इसके लिए जमीन पर काफी अधिक अनुपालन की जरूरत है और कारोबार के प्रबंधन के लिए जमीन पर काफी कौशल की भी आवश्यकता है।’
इस कंपनी के पास 450 प्रशीतित (रीफर) ट्रक का सबसे बड़ा बेड़ा है। हालांकि अधिकांश कंपनियों के पास 20-30 रीफर ट्रक होते हैं जिससे उद्योग को अधिक क्षमता हासिल करने में मुश्किल होती है। कोल्डरश लॉजिस्टिक्स, कोल्डमैन लॉजिस्टिक्स और राधाकृष्ण फूडलैंड कोल्ड चेन बाजार में कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो आगामी वर्षों में वृद्घि पर विचार कर रही हैं।
स्नोमैन लॉजिस्टिक अगले तीन वर्षों में 425 करोड़ रुपये का निवेश करने पर विचार कर रही है जिसमें से 200 करोड़ रुपये फार्मा क्षमता को विकसित करने के लिए किया जाएगा।