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उत्पादन क्षमता बढ़ाने में सीमेंट-स्टील कंपनियों की मुश्किलें

Last Updated- December 05, 2022 | 11:02 PM IST

अर्थव्यवस्था से जुड़े दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों, स्टील और सीमेंट पर इस समय क्षमता बढ़ाने का जबर्दस्त दबाव है।


इसको लेकर बहुत सारी कवायदे की भी गई हैं लेकिन अभी तक नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं निकले हैं। अगर हम इन उद्योगों से जुड़ी बड़ी कंपनियों पर निगाह डालें तो पाएंगे कि इनका धंधा तो चोखा ही चल रहा है।


दरअसल क्षमता में तो धीमे-धीमे बढोतरी हो रही है, लेकिन मांग में बढ़ोतरी हो रही नतीजन इन दोनों जिंसों के दाम बढ़ते जा रहे हैं।पिछले दो-तीन महीनों से बढ़ती कीमतों से आजिज आकर स्टील सेक्टर में क्षमता बढ़ाने की घोषणाएं हुई हैं।


फिलहाल स्टील का सालाना उत्पादन 6 करोड़ टन है और इसमें  अगले चार वर्षों में 5 करोड़ टन उत्पादन वृद्धि करने की योजना है। दूसरी ओर एक तथ्य यह भी है कि पिछले चार साल से स्टील के उत्पादन में 2 करोड़ टन सालाना की वृद्धि ही हो पाई है। लौह अयस्क की खदानों और जमीन अधिग्रहण के मामलों के लटकने की वजह से क्षमता बढ़ाने में देरी हो रही है।


बाजार को समझने वाले विश्लेषक क्षमता बढ़ाने वाली योजनाओं को लेकर कुछ प्रश्न उठा रहे हैं। एक स्टील कंपनी के अधिकारी ने कुछ इस तरह की बात कही,’जब तक कच्चे माल खासकर लौह अयस्क की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की जा सकेगी, तब तक किसी भी कंपनी के लिए एक टन उत्पादन तक बढ़ाना संभव नहीं हो पाएगा। ‘


पोस्को का ही उदाहरण लेते हैं। पोस्को की 480 अरब रुपये की लागत से उडीसा में 1.2 करोड़ टन क्षमता वाला स्टील प्लांट लगाने की योजना है। पोस्को के इस निवेश को इस सेक्टर में सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर देखा जा रहा है। पोस्को की यह योजना औपचारिक मंजूरियों में हो रही बेवजह की देरी से पहले ही एक साल लटक चुकी है। दूसरी ओर सीमेंट सेक्टर का हाल भी ज्यादा जुदा नहीं है।


सीमेंट उत्पादन में बढोतरी के लिए जो नई परियोजनाएं लगाई जानी हैं,वे भी जमीन अधिग्रहण, चून पत्थर की खदानों के अधिकार और उपकरणों की आपूर्ति सही नहीं होने की वजह से लटकती नजर आ रही हैं। 


सीमेंट मैन्युफैक्चर्स असोसिएशन के अध्यक्ष एच एम बांगुर को इस साल 3.2 करोड़ टन सीमेंट के अधिक उत्पादन का अनुमान है यहां इस तथ्य का जिक्र करना भी जरूरी लगता है कि पिछले चार सालों में सीमेंट उत्पादन में 3.1 करोड़ टन का इजाफा हुआ है जबकि सीमेंट की वर्तमान खपत 17.56 करोड़ टन की है।


थोक मूल्य सूचकांक में स्टील का भार 3.64 फीसदी का है, जबकि सीमेंट का भार 1.73 फीसदी है। जब महंगाई दर 7.41 फीसदी तक पहुंच गई थी तब इनकी कीमतों में भी बढोतरी हो गई थी।

First Published - April 23, 2008 | 12:01 AM IST

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