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खुले खाद्य तेल की बिक्री पर रोक की मांग

Last Updated- December 10, 2022 | 9:28 PM IST

अन्य तेलों में कच्चे पॉम आयल की मिलावट को अनुचित कारोबार मानते हुए प्रमुख खाद्य तेल उत्पादकों, पैकर्स और कारोबारियों ने मांग की है कि देश में खुले तेल की बिक्री को रोकने के लिए कड़ा कानून बनना चाहिए।
फॉरच्यून ब्रांड से खाद्य तेल बनाने वाली 6000 करोड़ रुपये की अदानी विल्मर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रणव अदानी ने कहा कि दिल्ली में खुले तेल की बिक्री को रोकने के लिए कानून बना हुआ है, इसका प्रसार देश भर में किया जाना चाहिए।
विकसित देशों में कहीं भी खुले तेल की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। वर्तमान में भारत में 80 प्रतिशत बिक्री खुले तेल की होती है। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक इसमें 30-35 प्रतिशत कच्चे पॉम आयल की मिलावट की जा रही है। जैसे सूरजमुखी के तेल या मूंगफली तेल या सोयाबीन तेल में कच्चे पाम तेल की मिलावट 65:35 का होता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक सामान्य आदमी इस मिलावट के बारे में नहीं जान सकता, क्योंकि पॉम आयल की मिलावट से देखने में या स्वाद के हिसाब से तेल में कोई बदलाव नजर नहीं आता। अगर इसका रासायनिक परीक्षण होता है तो ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी खुलकर सामने आ जाती है। इस मिलावट का असर उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि ब्रांडेड तेल अभी मिलावट से पूरी तरह से बचे हुए हैं। ब्रांडेड खाद्य तेलों के बाजार पर अदानी समूह की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत की है, वहीं तेल की कुल बिक्री में यह हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से भी कम है।
तेल के बीजों के दाम में बहुत ज्यादा बढोतरी हुई है, क्योंकि हाल में सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है। इसकी वजह से पेराई करने वालों का मुनाफा बहुत कम हो गया है। इसकी वजह से वे खुले तेल में क च्चे पाम ऑयल की मिलावट खुलकर कर रहे हैं, जिससे बाजार में बने रह सकें।
मुंबई में राग गोल्ड नाम के रिफाइंड पॉम आयल की लांचिंग के मौके पर मुंबई में  बुधवार को अदानी ने कहा कि निश्चित रूप से यह एक अनुचित कारोबारी गतिविधि है, जिसे रोकने के लिए कड़े कानून बनने चाहिए।
इस समय खाद्य तेलों की पेराई करने वाले कारोबारियों के मुनाफे में 2.5 से 3 प्रतिशत की कमी आई है, क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य अधिक होने से कीमतों में 48 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2008-09 के खरीफ मौसम के लिए 35.5 प्रतिशत बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वहीं सूरजमुखी के बीज में 46.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के  बाद कीमतें 2,215 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई हैं।

First Published - March 26, 2009 | 5:37 PM IST

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