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UP के किसानों में बढ़ा तिलहन फसलों का क्रेज; पिछले सीजन से सवा गुना बढ़ा बुआई का रकबा

साल 2024 में इन फसलों की बोआई का कुल रकबा 432.250 हजार हेक्टेयर था, जो साल 2025 में बढ़कर 547.144 हजार हेक्टेयर हो गया।

Last Updated- July 24, 2025 | 5:47 PM IST
agriculture rain
प्रतीकात्मक तस्वीर

खाद्य तेलों के लिए मुख्य रूप से आयात पर निर्भर रहने वाले उत्तर प्रदेश में अब किसानों में तिलहन फसलों का क्रेज बढ़ रहा है। प्रदेश में साल-दर-साल तिलहनी फसलों के रकबे में बढ़ोतरी हो रही है। खरीफ के मौजूदा सीजन के आंकड़ों के मुताबिक तिलहनी फसलों में तिल के साथ ही अन्य का रकबा खासा बढ़ रहा है। कृषि विभाग से मिले  आंकड़ों के मुताबिक खरीफ के मौजूदा सीजन में 21 जुलाई तक तिलहन की सभी प्रमुख फसलों तिल, मूंगफली और सोयाबीन के बोआई का रकबा पिछले सीजन की तुलना में करीब सवा गुना तक बढ़ा है।

साल 2024 में इन फसलों की बोआई का कुल रकबा 432.250 हजार हेक्टेयर था, जो साल 2025 में बढ़कर 547.144 हजार हेक्टेयर हो गया। इसमें तिल के रकबे में तो डेढ़ गुने से अधिक की वृद्धि हुई है।  पिछले साल तिल का रकबा 180.26 हजार हेक्टेयर था जो मौजूदा साल में बढ़कर 303 हजार हेक्टेयर हो गया। साल भर में रकबे की यह बढ़त खुद में अभूतपूर्व है। इसी तरह इस सीजन की तिलहन की अन्य दो फसलों मूंगफली एवं सोयाबीन के बोआई के रकबे में भी वृद्धि हुई है। इसी समयावधि में सोयाबीन का रकबा 34.12 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 40 हजार हेक्टेयर हो गया। मूंगफली का रकबा भी 204 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 218 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया।

जहां तक दलहनी फसलों की बात है तो खरीफ के सीजन की प्रमुख फसल अरहर की बोआई की समय चल रहा है। इसकी कुछ किस्मों की बोआई सितम्बर तक की जाती है। लिहाजा इसका रकबा अभी और बढ़ सकता है। अब तक के आंकड़ों के मुताबिक तुलना की अवधि में अरहर की बोआई का रकबा 184 हजार हेक्टेयर से 273 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मूंग का रकबा भी 30000 से बढ़कर 32000 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है जबकि उड़द के उत्पादन में प्रदेश अभी पिछले साल से पीछे है।

खरीफ की बाकी मुख्य फसलों धान एवं मक्के की बोआई का रकबा भी बढ़ा है। धान का रकबा 4193 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 5546 और मक्के का रकबा 636 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 701 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। कपास के प्रति भी उत्तर प्रदेश के किसानों की रुचि बढ़ी है। इसका रकबा सात हजार हेक्टेयर से 18 हजार तक पहुंच गया है। अगर खरीफ की फसलों के कुल रकबे की बात करें तो पिछले साल  करीब 6574 हजार हेक्टेयर था जो मौजूदा सीजन में बढ़कर 8262 हजार हेक्टेयर हो गया है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि  उत्तर प्रदेश को तिलहन और दलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना योगी सरकार की मंशा है। इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।किसानों को ट्रेनिंग के साथ अनुदान पर कृषि यंत्र देने के साथ उन्नत प्रजाति के रोगों और कीटों के प्रति प्रतिरोधी अधिक एपीजे वाली उन्नत प्रजातियों के बीज भी अनुदान पर मुहैया कराए जा रहे हैं।

First Published - July 24, 2025 | 5:40 PM IST

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