अंतरराष्ट्रीय खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा है कि अगर कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल तक आ जाए तो विभिन्न जिंसों की कीमत में 32 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।
एफएओ ने कहा कि इस साल कच्चे तेल की औसत कीमत 130 डॉलर प्रति बैरल रही और मुमकिन है कि 2010 में यह 65 डॉलर के स्तर पर आ जाए। एफएओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के बाद 2010 में विभिन्न कृषि जिंसों की कीमत में 21 से 32 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न कृषि जिंसों में गिरावट का स्तर अलग-अलग हो सकता है। चावल की कीमत 32 फीसदी तक गिर सकती है जबकि मक्के के भाव में 26 फीसदी की गिरावट आ सकती है। एफएओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य तेल 24 फीसदी तक सस्ता हो सकता है जबकि गेहूं 23 फीसदी और चीनी 21 फीसदी तक सस्ती हो सकती है।
इसमें यह भी कहा गया है कि साल 2008 के लिए कच्चे तेल की औसत कीमत 130 डॉलर प्रति बैरल का आकलन करने के लिए अनुमानित उछाल और गिरावट का ख्याल रखा गया है। रिपोर्ट में इस बात का विश्लेषण किया गया है कि साल 2010 में अगर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत 195 डॉलर प्रति बैरल हो जाए तो कृषि जिंसों पर उसका कितना प्रभाव पड़ेगा।
एफएओ के मुताबिक, अगर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत दोगुनी हो जाती है तो विभिन्न जिंसों की कीमतें निश्चित रूप से बढ़ेगी और अनुमान है कि इसकी रफ्तार 16-30 फीसदी तक होगी। ऐसे में चावल की कीमत में 30 फीसदी, मक्का 27 फीसदी, खाद्य तेल 26 फीसदी, गेहूं 23 फीसदी और चीनी 16 फीसदी महंगी हो जाएगी।
हाल में जिंस बाजार में आए उफान के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमत के चलते इनकी कीमत में तेजी दर्ज की गई है। इसके साथ-साथ मानसून के चलते किसी जिंस के बड़े निर्यातक देशों में उत्पादन में गिरावट और इसकी बढ़ती मांग ने भी इसकी कीमतों में आग लगाने का काम किया। और तो और बायो-फ्यूल के उत्पादन में जिंसों के इस्तेमाल ने भी जिंस की कीमत भड़काने में अच्छी खासी मदद की।
सस्ता होगा जिंस
चावल 32 फीसदी
मक्का 26 फीसदी
खाद्य तेल 24 फीसदी
गेहूं 23 फीसदी
चीनी 21 फीसदी