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सोना 5,500 डॉलर पर पहुंचने का अनुमान : क्रिस वुड

Last Updated- December 15, 2022 | 3:08 AM IST

जेफरीज के वैश्विक प्रमुख (इक्विटी रणनीति) क्रिस्‍टोफर वुड का सोने को लेकर रुझान और तेजडिय़ा हो गया है। उनका अनुमान है कि सोना आने वाले समय में 5,500 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच जाएगा। यह अनुमान मौजूदा स्तरों से 180 फीसदी अधिक और वर्ष 2020 के प्रारंभ के उनके अनुमान 4,200 डॉलर प्रति औंस से 31 फीसदी अधिक है।
वुड ने निवेशकों को अपने साप्ताहिक नोट ग्रीड ऐंड फीयर में पहले का कीमत अनुमान लिखा था। यह अनुमान उस समय सोने में निवेश की हुई अमेरिका की प्रति व्यक्ति खर्च योग्य आय से सोने की कीमत की तुलना पर आधारित था, जब जनवरी 1980 में तेजी के पिछले लंबे दौर के दौरान यह पीली धातु अपने सर्वोच्च स्तर 850 डॉलर प्रति औंस पर पहुंची थी।
उन्होंने तर्क दिया, ‘उस समय सोने की कीमत अमेरिका की प्रति व्यक्ति खर्च योग्य आय 8,547 डॉलर की 9.9 फीसदी थी। अब सोने की कीमत 1,952 डॉलर या अमेरिका की प्रति व्यक्ति खर्च योग्य आय 53,747 डॉलर की 3.6 फीसदी है। अमेरिका की प्रति व्यक्ति खर्च योग्य आय के 9.9 फीसदी पर पहुंचने का मतलब है कि सोना बढ़कर 5,345 डॉलर पर पहुंचना चाहिए। इसका मतलब है कि तेजी के मौजूदा लंबे दौर के सर्वोच्च स्तर के लिए 5,500 डॉलर तर्कसंगत कीमत लक्ष्य है।’
अन्य बड़ी ब्रोकरेज भी वुड के नजरिये से सहमत हैं। उदाहरण के लिए हाल में अगस्त के लिए बोफा सिक्योरिटीज फंड मैनेजर सर्वे (एफएमएस) में कहा गया कि वैश्विक फंड प्रबंधकों के बीच सोने की खरीदारी किसी परिसंपत्ति की दूसरी सबसे अधिक खरीदारी थी।  सर्वेक्षण में शामिल 23 फीसदी प्रबंधकों का सोने को लेकर तेजडिय़ा रुझान था। क्रेडिट सुइस वेल्थ मैनेजमेंट का भी मानना है कि लंबी अवधि में सोने में तेजी रहेगी। उनका तर्क है कि अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और कम वास्तविक प्रतिफल से सोने में मौजूदा मजबूती को बल मिल रहा है।
प्रेमल कामदार के साथ मिलकर लिखे गए एक नोट में क्रेडिट सुइस वेल्थ मैनेजमेंट में इंडिया इक्विटी रिसर्च के प्रमुख जितेंद्र गोहिल ने लिखा, ‘कोविड-19 से संबंधित चिंताएं अभी मौजूद हैं क्योंकि यह महामारी विश्व के विभिन्न हिस्सों में तेजी से फैल रही है। इससे सोने के लिए विविधीकरण की मांग ऊंची बनी हुई है। इसका पता ईटीएफ में तगड़ी आवक से भी चलता है, जो अब नए रिकॉर्ड 10.9 करोड़ औंस पर पहुंच चुकी है। इसमें सुस्ती का कोई संकेत नहीं है। डॉलर में कमजोरी और कम ब्याज दरों के माहौल का अनुमान है, इसलिए हमारा एक परिसंपत्ति के रूप में सोने को लेकर रुझान सकारात्मक है। सोने का तीन महीने का लक्ष्य 2,000 डॉलर और एक साल का लक्ष्य 2,150 डॉलर है।’
वुुड के मुताबिक सोने की कीमतों के लिए प्रमुख जोखिम प्रतिफल वक्र और ढालू हो जाना है, जिससे निकट अवधि में गिरावट आ सकती है। सोने की कीमतें अगस्त 2020 में अब तक के सर्वोच्च स्तर 2,070 डॉलर पर पहुंच गई थीं, लेकिन उसके बाद अब तक करीब छह फीसदी लुढ़क चुकी हैं। हालांकि पिछले एक साल में सोना करीब 30 फीसदी बढ़त के साथ 1,948 डॉलर प्रति औंस के आसपास बना हुआ है। इस साल अब तक भी सोने में बढ़त करीब 27 फीसदी है।
वुड के मुताबिक एक प्रमुख चिंता उभरते बाजारों, विशेष रूप से भारत में भौतिक सोने की मांग लगातार कमजोर बने रहना है। रिपोर्टों के मुताबिक भारत में सोने की उपभोक्ता मांग जून 2020 तिमाही में सालाना आधार पर 70 फीसदी गिरकर 64 टन रही। यह कैलेंडर वर्ष 2020 की पहली छमाही में सालाना आधार पर 55 फीसदी लुढ़ककर 166 टन रही। वर्ष 2020 की पहली छमाही के दौरान सोने की उपभोक्ता मांग चीन में 48 फीसदी और मध्य-पूर्व में 34 फीसदी घटी।

First Published - August 21, 2020 | 11:48 PM IST

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