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डॉलर की मजबूती से नरम पड़ा पाक से सीमेंट आयात

Last Updated- December 07, 2022 | 10:02 PM IST

पाकिस्तान से आयातित सीमेंट भारतीय सीमेंट के मुकाबले अब उतना सस्ता नहीं रहा। दरअसल डॉलर में आई मजबूती और इस वजह से कमजोर रुपये ने कीमत में इस अंतर को काफी हद तक कम कर दिया है। डॉलर में आई मजबूती से पहले पाक से आने वाला सीमेंट दो महीने पहले तक 200 रुपये (50 किलो का बैग) का पड़ता था, लेकिन अब इसकी कीमत 215 रुपये पर आ गई है।

ऐसे में 225 रुपये प्रति बैग के हिसाब से पंजाब के बाजार में बिकने वाले भारतीय सीमेंट के मुकाबले पाकिस्तानी सीमेंट की कीमत बहुत ज्यादा नहीं है। यही वजह है कि पाकिस्तान से आने वाले सीमेंट की मात्रा 4000 टन से घटकर 2000 टन पर आ गई है।
सीमेंट आयातक असोसिएशन के प्रेजिडेंट अनुदीप सिंह मदान ने कहा कि रुपये में आई कमजोरी की वजह से पाक से सीमेंट आयात अब उतना फायदेमंद नहीं रहा।

उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में भी गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन वहां के सीमेंट उत्पादक कीमत कम करने को राजी नहीं हैं।
मई से अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। सितंबर 2007 से अब तक पाकिस्तान ने 10  लाख टन सीमेंट का निर्यात भारत को किया है।

रियल एस्टेट की अग्रणी कंपनी एम्मार एमजीएफ और अंसल एपीआई पाकिस्तान से आयातित सीमेंट का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रही हैं। पाक सीमेंट का इस्तेमाल कर ये कंपनियां काफी हद तक इनपुट कॉस्ट के बढ़ते असर को कम करने में सक्षम हुई हैं।

ऑल पाकिस्तान सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन के सचिव शहजाद अहमद ने बताया कि बारिश की वजह से भारत को होने वाला निर्यात जुलाई और अगस्त महीने में प्रभावित हुआ था, लेकिन सितंबर में रुपये में आई कमजोरी ने इसे जारी रखा यानी सीमेंट का निर्यात अब भी प्रभावित हो रहा है। वर्तमान तिमाही में रेल केजरिए पाकिस्तान से आने वाले सीमेंट में गिरावट दर्ज की गई है।

उन्होंने कहा कि इस वजह से निर्यात के लिए वैगन की उपलब्धता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि उपलब्धता केबावजूद निर्यात में काफी कमी आई है।
इस बीच, भारतीय रेल ने वैगन के प्लेसमेंट के बाद लगने वाले चार्ज में पिछले हफ्ते तीन गुणा बढ़ोतरी की है।

मदान ने बताया कि वैगन के प्लेसमेंट के शुरुआती 14 घंटे के लिए 100 रुपये प्रति वैगन का चार्ज लगता था, जो अब बढ़कर 300 रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि किसी खास दिन अगर शाम को वैगन का प्लेसमेंट होता है तो लेबर की कमी की वजह से माल नहीं उतर पाता, पर रेलवे का मीटर घूमता रहता है।

इस कारण हमें रेलवे को ज्यादा चार्ज देना पड़ता है। आयात को सुलभ बनाने की बजाय रेलवे इसे अलाभकारी बना रहा है।

साल 2007 में केंद्र सरकार ने घरेलू जरूरतें पूरी करने के लिए सीमेंट आयात की बाबत कई कदम उठाए थे। जनवरी 2007 में सरकार ने सीमेंट आयात पर डयूटी को शून्य कर दिया था।

जबकि अप्रैल में इस पर लगने वाले 16 फीसदी के काउंटरवेलिंग डयूटी को समाप्त कर दिया था। इसके अलावा 4 फीसदी के स्पेशल अतिरिक्त कस्टम डयूटी भी समाप्त कर दी गई थी।


 

First Published - September 22, 2008 | 9:25 PM IST

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