केंद्रीय मंत्रिमंडल जल्द ही स्पेशलिटी स्टील के लिए 6,322 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को मंजूरी देगा। इस मामले से जुड़े सरकारी अधिकारियों ने कहा कि इसका मकसद घरेलू विनिर्माण क्षेत्र, खासकर स्पेशलिटी स्टील क्षेत्र को बढ़ावा देना और देश में निवेश को आकर्षित करना है।
इस योजना के तहत पात्र कंपनियों को बढ़े उत्पादन, खासकर स्टील के विनिर्माताओं को न्यूनतम निवेश की शर्त पर पीएलआई योजा के तहत 4 से 15 प्रतिशत तक प्रोत्साहन मिलेगा।
उपरोक्त उल्लिखित अधिकारियों में से एक ने कहा कि यह योजना 2023-24 से 2029-30 तक के लिए लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम प्रोत्साहन राशि की सीमा तय होगी।
इसके लिए आधार वर्ष 2019-20 होगा। इस योजना में स्टील उत्पादों की 5 व्यापक श्रेणियां, कोटेड स्टील उत्पाद, हाई स्ट्रैंथ स्टील, खासकर रेल, स्टील वायर और इलेक्ट्रिकल स्टील शामिल होंगी। अधिकारी ने कहा, ‘जहां तक पात्रता का सवाल है, एंड टु एंड मैन्युफैक्चरर्स और संयुक्त उद्यमों के आवेदनों पर विचार किया जाएगा। इसमें थर्ड पार्टी द्वारा 20 प्रतिशत मूल्यवर्धन होगा, और फ्रंट लोडेड इन्वेस्टमेंड को प्राथमिकता दी जाएगी।’
उम्मीद की जा रही है कि स्पेशलिटी स्टील में पीएलआई योजना से मूल्यवर्धित स्टील की विनिर्माण क्षमता बढ़ेगी, जिससे निर्यात बढ़ेगा। इस योजना को लागू किया जाना अहम है क्योंकि इस समय ज्यादातर विकसित देशों में स्पेशलिटी स्टील का इस्तेमाल होता है और भारत प्राथमिक रूप से आयात पर निर्भर है।
भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक और तैयार स्टील का शुद्ध निर्यातक है, लेकिन निर्यात का मूल्य आयात की तुलना में उल्लेखनीय रूप से कम है, जिसमें मुख्य रूप से हाई ग्रेड और स्पेशलिटी स्टील उत्पाद शामिल हैं।
बैटरियों के लिए योजना अधिसूचित
सरकार ने एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरियों से संबंधित 18,100 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को अधिसूचित कर दिया है। इस योजना के तहत प्रोत्साहन सिर्फ उन कंपनियों को मिलेगा, जिन्हें एक पारदर्शी व्यवस्था में एसीसी बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत उत्पादन क्षमता का आवंटन किया गया है। भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार यह प्रोत्साहन उद्योग के परंपरागत बैटरी पैक खंड को नहीं मिलेगा। भाषा