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निर्यात मांग से जौ में आया उछाल

Last Updated- December 05, 2022 | 5:12 PM IST

स्टॉकिस्ट की खरीदारी और विदेशों से मांग निकलने के चलते जौ वायदा गुरुवार को 1142 रुपये प्रति  क्विंटल के स्तर पर पहुंच गया।


वैसे उम्मीद है कि जब इस फसल की आवक शुरू  होगी तो जौ की कीमतें लुढ़केंगी। लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता, इसमें तेजी जारी रहेगी।उधर, कमोडिटी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर विदेशों से मांग इसी तरह जारी रही तो फिर कीमतों में गिरावट शायद ही देखने को मिले। बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते से इसकी आवक पूरे रफ्तार शुरू हो जाएगी।


कुछ हफ्ते पहले तक अच्छी पैदावार और निर्यात की कम मांग के चलते व्यापारी जौ की कीमत में तेजी का अनुमान नहीं लगा रहे थे। उनका कहना था कि इसमें गिरावट का रुख देखा जा सकता है।वैसे इस फसल की आवक शुरू हो गई है, लेकिन अप्रैल में इसकेरफ्तार पकड़ने की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में राजस्थान की मंडियों में इसकी आवक करीब 50 हजार बैग (80 किलो प्रति बैग) की हो रही है और अगले हफ्ते तक इसके एक लाख बैग तक पहुंचने की उम्मीद है।


जयपुर के एक व्यापारी अभिषेक गोयल ने बताया कि कांडला पोर्ट से इसका निर्यात शुरू हो गया है, जो वर्तमान आवक का करीब आधा हिस्सा है। सूत्रों का कहना है कि स्टॉकिस्ट आम तौर अप्रैल-मई में बाजार में प्रवेश करते हैं, लेकिन इस बार वे बाजार पहुंच चुके हैं और यही वजह है कि जौ की कीमतें बढ़ रही हैं।


मुंबई स्थित जौ विशेषज्ञ ने बताया कि मई-जून में जौ के दौरान निर्यात मांग में बढ़ोतरी होगी और यही वजह है कि स्टॉकिस्ट अभी से माल जमा करने में जुट गए हैं। व्यापारियों का हालांकि कहना है कि अगर निर्यात नहीं हुआ तो जौ की कीमत घटकर 900 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ जाएगी।


इससे पहले कहा गया था कि पश्चिमी एशियाई देशों के सप्लायर यूक्रेन में जौ निर्यात से पाबंदी हटा ली गई है। यह पाबंदी पिछले साल लगाई गई थी। इस कारण पश्चिम एशिया के देश भारत से माल खरीदने लगे थे इसकी कीमत 1300 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई थी।

First Published - March 28, 2008 | 12:36 AM IST

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