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अमेरिकी संकट ने बढ़ाई सोने की चमक

Last Updated- December 07, 2022 | 9:44 PM IST

अमेरिकी वित्तीय संकट के बाद सोने में निवेश बढ़ने की उम्मीद से सोने की कीमत में गुरुवार को भारी उछाल देखा गया।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के फरवरी अनुबंध में तकरीबन 5.39 फीसदी का उछाल देखा गया। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में ही सोने ने 13,000 रुपये की मनोवैज्ञानिक सीमा पार कर ली और यह 13,280 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई।

अक्टूबर महीने के नजदीकी अनुबंध में सोने की कीमत 2.31 फीसदी चढ़कर 13,041 रुपये जबकि दिसंबर महीने के अनुबंध वाले सोने का भाव 2.13 फीसदी बढ़कर 13,121 रुपये प्रति 10 ग्राम तक  पहुंच गया। दुनिया की सबसे बड़ी सोना कंसल्टेंसी फर्म गोल्ड फील्ड मिनरल्स सर्विस (जीएफएमएस) का अनुमान है कि सोने की कीमत में अब तेजी आएगी।

फर्म का कहना है कि आने वाले कुछ महीनों में यदि और एक या दो बैंक दिवालिया हो जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं। ऐस में सोने की कीमत 900 या 950 डॉलर प्रति औंस को पार कर सकती है। हालांकि फर्म का मानना है कि इस साल सोना मार्च में स्थापित किए गए कीमतों के रेकॉर्ड को नहीं तोड़ पाएगा।

गौरतलब है कि सोना ने मध्य मार्च में 1,011.25 डॉलर का रेकॉर्ड बनाया था। साल 1980 के बाद से वैश्विक बाजार में सोने की कीमत 8.4 प्रतिशत के एक दिन के सर्वाधिक लाभ के साथ 870 डॉलर प्रति औंस हो गई क्योंकि ऋण बाजार में अधिक उथल-पुथल होने की आशंका ने निवेशकों को विचलित कर दिया और उन्होंने सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में अपनाने में कोताही नहीं दिखाई।

फिलहाल लंदन मेटल एक्सचेंज में सोना बुधवार के 783 डॉलर प्रति औंस से 11 फीसदी बढ़कर 869 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
बुधवार को जारी एक सर्वेक्षण में पाया गया कि सोने के मुख्य उत्पादक देशों दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा में सोने का उत्पादन आधे से कुछ ही अधिक हो रहा है।

इसके चलते पिछले साल की तुलना में इस साल की पहली छमाही में सोने के उत्पादन में 70 टन से अधिक की कमी हुई है। ऊर्जा खर्च और मजदूरों की पारिश्रमिक बढ़ने से इस दौरान उत्पादन लागत में तकरीबन 20 फीसदी की वृद्धि हुई।

इसके चलते मौजूदा साल की पहली छमाही में सोने के खनन में जुटी कंपनियों को तगड़ा नुकसान
उठाना पड़ा। इस साल आभूषण की मांग पहले छह महीनों में लगभग 25 फीसदी कम हो गई है। इसकी मूल वजह कीमत है।

जानकारों के मुताबिक, सोने की कीमत के ऊंचे रहने या इसके अस्थिर रहने से भारत में सोने की बिक्री 60 फीसदी से ज्यादा कम हो गई।

First Published - September 18, 2008 | 10:15 PM IST

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