facebookmetapixel
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का पड़ोसी दरभंगा पर कोई प्रभाव नहीं, जनता ने हालात से किया समझौताEditorial: ORS लेबल पर प्रतिबंध के बाद अन्य उत्पादों पर भी पुनर्विचार होना चाहिएनियामकीय व्यवस्था में खामियां: भारत को शक्तियों का पृथक्करण बहाल करना होगाबिहार: PM मोदी ने पेश की सुशासन की तस्वीर, लालटेन के माध्यम से विपक्षी राजद पर कसा तंज80 ही क्यों, 180 साल क्यों न जीएं, अधिकांश समस्याएं हमारे कम मानव जीवनकाल के कारण: दीपिंदर गोयलभारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर दिया जोरपीयूष पांडे: वह महान प्रतिभा जिसके लिए विज्ञापन का मतलब था जादूभारत पश्चिम एशिया से कच्चा तेल खरीद बढ़ाएगा, इराक, सऊदी अरब और UAE से तेल मंगाकर होगी भरपाईBlackstone 6,196.51 करोड़ रुपये के निवेश से फेडरल बैंक में 9.99 फीसदी खरीदेगी हिस्सेदारीवित्त मंत्रालय 4 नवंबर को बुलाएगा उच्चस्तरीय बैठक, IIBX के माध्यम से सोने-चांदी में व्यापार बढ़ाने पर विचार

केंद्रीय पूल में गेहूं का पर्याप्त भंडार : केंद्र

Last Updated- December 15, 2022 | 11:59 PM IST
Wheat export

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी योजनाओं सहित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अतिरिक्त आवंटन की जरूरतों को पूरा करने के लिये भारत सरकार के केंद्रीय पूल में अनाज का पर्याप्त भंडार मौजूद है। उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को इस बात की जानकारी दी गई।

केंद्रीय पूल में 182 लाख टन गेहूं उपलब्ध

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि एक जनवरी, 2023 तक लगभग 159 लाख टन (एलएमटी) गेहूं उपलब्ध हो जायेगा। नियमतः एक जनवरी तक 138 लाख टन की सुरक्षित भंडारण की आवश्यकता होती है, जिसके मद्देनजर यह उससे काफी अधिक है। केंद्रीय पूल में 12 दिसंबर, 2022 को लगभग 182 लाख टन गेहूं की उपलब्धता दर्ज की गई है।

कीमतें बढ़ने से रोकने के लिये सरकार ने दिखाई सक्रियता

मंत्रालय के मुताबिक, ‘सरकार गेहूं की कीमतों की स्थिति से अच्छी तरह अवगत है और साप्ताहिक आधार पर उसकी नियमित निगरानी कर रही है। गेहूं के साथ अन्य जिंसों की कीमतों पर भी नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर सुधारात्मक उपाय भी किये जा रहे हैं।’ ‘सरकार ने कीमतें बढ़ने से रोकने के लिये सक्रियता दिखाई है तथा 13 मई, 2022 से प्रभावी होने वाले निर्यात नियमों को लागू कर दिया है।

इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की भी चावल को ध्यान में रखते हुए समीक्षा की गई है, जिससे केंद्रीय पूल में गेहूं का भंडारण पर्याप्त मात्रा में हो जाये, ताकि कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा किया जा सके।’

गेहूं के MSP में की गई बढ़ोतरी

सरकार की तरफ से मौजूदा सीजन के लिए गेहूं के एमएसपी (MSP) में बढ़ोतरीभी की गई है। RMS (Rabi Marketing Season) 2022-23 के लिये पिछले वर्ष गेहूं का एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। मंत्रालय के मुताबिक, ‘MSP में 110 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के साथ-साथ मौसम भी अनुकूल रहे हैं, जिनके कारण यह आशा की जाती है कि अगले वर्ष के दौरान गेहूं का उत्पादन व खरीद सामान्य रहेगी।’

अगले वर्ष गेहूं की खरीद अप्रैल 2023 से आरंभ होगी। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार गेहूं की बोआई में अभी तक काफी बढ़ोतरी देखी गई है। मंत्रालय ने कहा,’ सरकार ने सुनिश्चित किया है कि केंद्रीय पूल में अनाज की उपलब्धता पर्याप्त रूप से बनी रहे, ताकि देशभर की सभी कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतें पूरी की जा सकें तथा कीमतें भी नियंत्रित रहें।’

यह भी पढ़े: चालू वित्त वर्ष में 46.14 लाख टन यूरिया का आयात किया गया : सरकार

‘पिछले मौसम में गेहूं की खरीद हालांकि कम हुई थी, क्योंकि उत्पादन कम हुआ था और भू-राजनीतिक परिस्थिति के चलते किसानों ने खुले बाजार में एमएसपी से अधिक कीमत पर अपनी उपज बेची थी। इसके बावजूद गेहूं की अगली फसल के आने तक देश की जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय पूल में गेहूं का पर्याप्त भंडार मौजूद रहेगा।’

First Published - December 15, 2022 | 4:12 PM IST

संबंधित पोस्ट