वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 125 प्रतिशत बढ़कर 14.5 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इंस्टीट्यूट फार एनर्जी इकनॉमिक्स ऐंड फाइनैंशियल एनलिसिल (आईईएफए) की एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि कंपनियों ने इस क्षेत्र पर खास ध्यान दिया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) से लेकर अदाणी समूह जैसे कंपनी जगत के दिग्गजों ने भविष्य में अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लिए महत्त्वाकांक्षी योजनाएं बनाईं। आईईएफए ने कहा कि रिलायंस और अदाणी सहित कंपनियों ने अधिग्रहण और बॉन्ड जारी करने के तरीके अपनाए और वित्त वर्ष 22 में कुल निवेश मूल्य का 75 प्रतिशत निवेश किया और यह वित्त वर्ष 20 के स्तर को पार कर गया। उस समय (वित्त वर्ष 20) में इस क्षेत्र में कुल निवेश 8.4 अरब डॉलर था, जबकि वित्त वर्ष 21 में कोविड-19 की वजह से निवेश गतिविधियों में गिरावट आई और कुल निवेश घटकर 6.4 अरब डॉलर पहुंच गया।
वित्त वर्ष 22 में सबसे बड़ा सौदा एसबी एनर्जी का भारतीय बाजार से बाहर जाने का था, जिसने 3.5 अरब डॉलर में अपनी संपत्तियां अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) को बेची। अदाणी समूह की इस कंपनी का सौदा पिछले साल अक्टूबर में हुआ था। करीब इसी समय आरआईएल की सहायक इकाई रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर ने 77.1 करोड़ डॉलर में आरईसी सोलर होल्डिंग्स को खरीदा। आईईएफए ने कहा कि बॉन्ड जारी करने के मामले में वेक्टर ग्रीन, एजीईएल, रिन्यू पॉवर, इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉर्पोरेशन और अजूरे पावर प्रमुख रहीं।
आईईएफए में एनर्जी इकोनॉमिस्ट और भारत के प्रमुख विभूति गर्ग ने कहा, ‘कोविड-19 की सुस्ती के बाद बढ़ी हुई बिजली की मांग के कारण अक्षय ऊर्जा में निवेश बढ़ा है और शून्य उत्सर्जन की वित्तीय संस्थानों व कॉर्पोरेशंस की प्रतिबद्धता और जीवाश्म ईंधन से बाहर निकलने की वजह से अक्षय ऊर्जा में तेजी आई है।’
गर्ग ने कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 22 में अक्षय ऊर्जा की क्षमता में 15.5 गीगावॉट की बढ़ोतरी की है, जिसकी वजह से अक्षय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता (बड़ी पनबिजली परियोजनाओं को छोड़कर) मार्च 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक बढ़कर 110 गीगावॉट पहुंच गई है।
आईईएफए ने कहा कि निवेश में वृद्धि के बावजूद सरकार द्वारा 2030 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 450 से 500 गीगावॉट करने का लक्ष्य पूरा करने के लिए बहुत तेज रफ्तार से क्षमता बढ़ानी होगी।