मध्य प्रदेश विधान सभा ने आज शोर-शराबे और हंगामे के बीच 17,021 करोड़ रुपये का लेखानुदान पारित कर दिया।
कांग्रेस ने पूर्ण बजट न लाने पर जहां सरकार की आलोचना की वहीं सरकार ने लेखानुदान का बचाव किया। कांग्रेस के विधायक चौधरी राकेश सिंह ने कहा कि कि विधान सभा चुनाव के बाद पूर्ण बजट के लिए सरकार के पास काफी वक्त था।
छत्तीसगढ़ सरकार ने भी पूर्ण बजट पेश किया है। शिवराज सरकार ने खजाना खाली होने के कारण पूर्ण बजट टाला है। राज्य के वित्त मंत्री राघव जी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना था कि वैश्विक मंदी के कारण कई सारी समस्याएं थी, इसलिए सरकार पूर्ण बजट नहीं लाई।
सरकार ने 1 अप्रैल से अगले चार महीने के खर्च के लिए लेखानुदान पारित कराया है। राज्य का पूर्ण बजट जुलाई-अगस्त में पेश किये जाने की संभावना है। सरकारी खर्च में 371 करोड़ रुपये सार्वजनिक ऋण और ब्याज देनदारियों के लिए 556.95 करोड़ रुपये, बिजली क्षेत्र के लिए 141.56 करोड़ रुपये, जल संसाधनों के लिए 385.17 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य सेवा के लिए 787.46 करोड़ रुपये प्रस्तावित हुए हैं।
